भारत में विमानन सुरक्षा पर बढ़ती चिंताएँ: DGCA का फोकस ऑडिट
भारत में विमानन सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ती जा रही हैं, खासकर एअर इंडिया विमान हादसे के बाद। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सुरक्षा खामियों को उजागर करने के लिए एक व्यापक फोकस ऑडिट शुरू किया है। इस ऑडिट में कई गंभीर खामियाँ सामने आई हैं, जैसे तकनीकी खराबियाँ और सुरक्षा नियमों की अनदेखी। DGCA की जांच में यह भी पाया गया है कि कुछ एयरलाइनों में खामियों को समय पर ठीक नहीं किया जा रहा है। इस स्थिति के पीछे संसाधनों की कमी और प्रशिक्षित स्टाफ की अनुपलब्धता भी एक कारण है। सरकार और एयरलाइनों को मिलकर एक मजबूत और पारदर्शी प्रणाली विकसित करनी होगी।
Jun 25, 2025, 11:38 IST
भारत में विमानन सुरक्षा की स्थिति
12 मई को अहमदाबाद में एअर इंडिया के विमान दुर्घटना के बाद, भारत के विमानन क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़ी कई चिंताएँ उभरकर सामने आई हैं। प्रतिदिन तकनीकी खराबियों की रिपोर्ट या उड़ान से पहले सुरक्षा नियमों की अनदेखी की घटनाएँ सामने आ रही हैं। ये घटनाएँ न केवल यात्रियों के लिए खतरा उत्पन्न कर रही हैं, बल्कि भारतीय विमानन प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा कर रही हैं।
DGCA का फोकस ऑडिट
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने इस बढ़ती चिंता को देखते हुए 19 जून से एक व्यापक "फोकस ऑडिट" शुरू किया है। इसका मुख्य उद्देश्य देश की विमानन व्यवस्था में सुरक्षा से संबंधित कमियों को पहचानना और उन्हें सुधारना है। दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर निरीक्षण के दौरान कई गंभीर खामियाँ सामने आई हैं, जैसे विमानों में मरम्मत कार्यों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी, उड़ान से पहले AME की गैर-हाजिरी, और रनवे की खराब स्थिति।
सुरक्षा खामियों का खुलासा
ऑडिट के दौरान यह भी पाया गया कि एक घरेलू उड़ान को घिसे हुए टायरों के कारण रोका गया और आवश्यक सुधार के बाद ही उड़ान की अनुमति दी गई। इसके अलावा, ग्राउंड हैंडलिंग उपकरणों की स्थिति भी चिंताजनक थी। यह भी सामने आया कि विमान की मरम्मत के दौरान वर्क ऑर्डर का पालन नहीं किया गया।
संसाधनों की कमी और लापरवाही
DGCA की जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ एयरलाइनों में खामियों को समय पर ठीक नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, कुछ सिम्युलेटर विमानों से मेल नहीं खाते और उनके सॉफ़्टवेयर अपडेट नहीं हैं। इस स्थिति के पीछे केवल लापरवाही नहीं, बल्कि संसाधनों की कमी और प्रशिक्षित स्टाफ की अनुपलब्धता भी एक कारण है।
भविष्य की दिशा
भारत जैसे तेजी से उभरते देश में विमानन क्षेत्र की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है। यात्रियों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। सरकार और एयरलाइनों को मिलकर एक मजबूत और पारदर्शी प्रणाली विकसित करनी होगी। DGCA को नियमित और सख्त ऑडिट जारी रखना चाहिए, और एयरलाइनों पर जुर्माना और लाइसेंस निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।