भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किया सटीक हमला
ऑपरेशन सिंदूर का विवरण
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शुक्रवार को बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने पाकिस्तान में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए और सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक नष्ट किया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन स्वदेशी तकनीक का एक उदाहरण है, जिस पर देश को गर्व है। भारतीय सेना ने सीमा पार से आने वाले खतरों को प्रभावी ढंग से नष्ट किया।
आतंकवादी हमले का जवाब
डोभाल के अनुसार, यह सैन्य कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई, जिसमें पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी। उन्होंने कहा कि भारत को आतंकवादियों के ठिकानों की सटीक जानकारी थी और उसी के आधार पर कार्रवाई की गई। यह ऑपरेशन 7 मई को सुबह 1 बजे शुरू हुआ और केवल 23 मिनट में सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
पाकिस्तान के दावों का खंडन
आईआईटी मद्रास के 62वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए, डोभाल ने पाकिस्तान के दावों को खारिज किया और पूछा, 'क्या आप एक भी तस्वीर दिखा सकते हैं जिसमें भारत को कोई नुकसान हुआ हो? क्या एक कांच भी टूटा है?' उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई इतनी सटीक थी कि सभी लक्ष्यों को तेजी से निशाना बनाया गया।
विदेशी मीडिया पर निशाना
उन्होंने विदेशी मीडिया पर भी निशाना साधा, जो पाकिस्तान के पक्ष में खबरें प्रकाशित कर रहा था। डोभाल ने कहा, 'विदेशी प्रेस कहता रहा कि पाकिस्तान ने यह किया, वह किया... लेकिन क्या भारत को हुए नुकसान की पुष्टि करने वाली एक भी तस्वीर है?'
सैटेलाइट चित्रों का उल्लेख
डोभाल ने कहा कि विदेशी मीडिया द्वारा जारी किए गए सैटेलाइट चित्रों में 13 पाकिस्तानी एयरबेस की स्थिति दिखाई गई है, जैसे कि सरगोधा, रहीम यार खान और चकला, जो 10 मई के बाद की हैं। उन्होंने कहा कि ये चित्र दर्शाते हैं कि भारत पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है।
ऑपरेशन का परिणाम
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित कश्मीर में स्थित नौ आतंकवादी शिविरों को नष्ट किया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने ड्रोन और रॉकेट हमले किए, लेकिन भारत ने उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। इसके बाद दोनों देशों के बीच चार दिनों तक हमले और जवाबी हमले होते रहे। अंततः, 10 मई को दोनों पक्षों के बीच एक समझौता हुआ और सैन्य कार्रवाई रोक दी गई।