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भारत और पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस का रहस्य: क्यों मनाता है पाकिस्तान 14 अगस्त को?

इस लेख में हम जानेंगे कि पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाता है, जबकि भारत 15 अगस्त को। विभाजन के समय की घटनाओं और राजनीतिक निर्णयों के पीछे की कहानी को समझते हुए, यह लेख आपको इस ऐतिहासिक घटना के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराएगा। क्या आपने कभी सोचा है कि यह तारीखें कैसे तय हुईं? आइए, इस रहस्य को उजागर करते हैं।
 

विभाजन का दर्द और स्वतंत्रता का जश्न

लगभग 79 वर्ष पहले, भारत ने एक ऐसा मंजर देखा, जिसके जख्म हर साल ताजा हो जाते हैं। लाखों लोगों की जानें गईं और अनगिनत लोग बेघर हो गए। हम बात कर रहे हैं विभाजन की, जो एक ऐसा घाव है, जिसे याद करते ही दुख और आंसू उमड़ आते हैं।


भारत और पाकिस्तान दो अलग-अलग देशों में बंट गए। 14 अगस्त वह दिन था जब इन दोनों देशों के बीच एक रेखा खींची गई। यह सब मोहम्मद अली जिन्ना की जिद के कारण हुआ, जिन्हें पाकिस्तान का संस्थापक माना जाता है। पाकिस्तान 14 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह देश, जो हमारे ही टुकड़ों से बना है, हमसे पहले अपनी स्वतंत्रता का उत्सव क्यों मनाता है? आइए, इसके पीछे की कहानी जानते हैं।


स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

स्वतंत्रता दिवस की तारीख हमेशा निश्चित नहीं थी। 1947 की शुरुआत में, ब्रिटेन की लेबर सरकार ने लॉर्ड लुई माउंटबेटन को भारत का अंतिम वायसराय नियुक्त किया। उन्हें भारतीयों को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया की देखरेख करने का कार्य सौंपा गया था।


शुरुआत में, सत्ता का हस्तांतरण जून 1948 से पहले करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन बढ़ते सांप्रदायिक दंगों और बिगड़ती कानून व्यवस्था के कारण माउंटबेटन को तारीख को अगस्त 1947 तक बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ा। ब्रिटिश संसद ने 4 जुलाई, 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित किया, जिसमें कहा गया कि ब्रिटिश शासन 15 अगस्त, 1947 को समाप्त होगा। इसी दिन भारत और पाकिस्तान का जन्म हुआ। हालांकि, दोनों देशों के बीच की सीमाएं 17 अगस्त तक स्पष्ट नहीं की गईं।


पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस

पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाता है? इसके पीछे कई कारण हैं। पाकिस्तान के संस्थापक, मोहम्मद अली जिन्ना ने स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए 15 अगस्त की तारीख चाही थी, लेकिन 1948 तक पाकिस्तान ने व्यावहारिक कारणों से 14 अगस्त को अपना जश्न मनाना शुरू कर दिया।


इसका मुख्य कारण सत्ता हस्तांतरण समारोह का समय था, जो कराची में 14 अगस्त, 1947 को हुआ था। माउंटबेटन ने वहां समारोह की अध्यक्षता की और फिर 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता समारोह की अध्यक्षता करने के लिए नई दिल्ली चले गए।


धार्मिक महत्व

एक और कारण यह है कि 14 अगस्त 1947, इस्लामी कैलेंडर के अनुसार रमजान के 27वें दिन भी था, जिससे इस दिन का धार्मिक महत्व बढ़ गया। तब से पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता आ रहा है, जबकि भारत 15 अगस्त को अपनी स्वतंत्रता की तारीख के रूप में बनाए रखता है।


राजनीतिक निर्णय

जब 1947 का भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पारित हुआ, तो इसने बंगाल और पंजाब के विभाजन से भारत और पाकिस्तान के निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। जिन्ना ने अपने रेडियो संबोधन में 15 अगस्त को पाकिस्तान के जन्मदिन के रूप में घोषित किया। प्रारंभ में, दोनों देशों ने एक ही स्वतंत्रता तिथि साझा की।


हालांकि, जून 1948 में, पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने भारत से एक दिन पहले स्वतंत्रता का जश्न मनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे जिन्ना ने मंजूरी दी। इस प्रकार, 14 अगस्त को आधिकारिक तारीख के रूप में स्थापित किया गया।