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भारत और अफगानिस्तान के बीच व्यापारिक संबंधों में नई दिशा: नूरुद्दीन अज़ीज़ी का दौरा

अफगानिस्तान के व्यापार मंत्री नूरुद्दीन अज़ीज़ी 19 नवंबर से भारत का दौरा करेंगे, जिसका उद्देश्य व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देना है। पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच, काबुल भारत को एक विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार मान रहा है। इस यात्रा के दौरान एयर कार्गो और चाबहार पोर्ट के उपयोग पर चर्चा होगी। जानें इस दौरे से अफगानिस्तान-भारत संबंधों में क्या बदलाव आ सकता है।
 

अफगानिस्तान के व्यापार मंत्री का भारत दौरा

नूरुद्दीन अज़ीज़ी

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के कारण व्यापारिक चुनौतियों का सामना कर रहे काबुल ने भारत की ओर रुख किया है। अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अज़ीज़ी 19 नवंबर से भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत के साथ व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देना और एयर कार्गो तथा चाबहार पोर्ट का उपयोग करना है। यह यात्रा भारत को अफगानिस्तान के लिए एक विश्वसनीय व्यापारिक साझेदार के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी।

हाल ही में तूरखम बॉर्डर पर पाकिस्तान द्वारा किए गए हमले के कारण व्यापार पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे काबुल अब तेजी से भारत की ओर देख रहा है।

अज़ीज़ी का यह दौरा 19 नवंबर से शुरू होकर पांच दिनों तक चलेगा, जिसमें भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

अफगान एयरलाइन द्वारा किराए में कमी

हाल ही में अफगान एयरलाइंस, एरियाना एयरलाइंस ने काबुल-दिल्ली कार्गो रूट पर किराया घटाया है, जिससे व्यापारियों को भारत में सामान भेजने में सहूलियत होगी। इसके अलावा, अफगानिस्तान और ईरान के बीच व्यापार में भी हाल के महीनों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें चाबहार पोर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका है।

भारत और अफगानिस्तान के बीच अधिकांश व्यापार एयर कार्गो और चाबहार पोर्ट के माध्यम से होता है। तूरखम बॉर्डर बंद होने के बाद ये दोनों मार्ग और भी महत्वपूर्ण हो गए हैं।

अज़ीज़ी के दौरे के दौरान, दोनों देश व्यापार बढ़ाने, एयर कार्गो सुविधाओं, निवेश और चाबहार मार्ग के बेहतर उपयोग पर चर्चा करेंगे। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव के बीच, यह यात्रा काबुल के लिए भारत को एक भरोसेमंद व्यापारिक साझेदार के रूप में और करीब लाने का अवसर प्रदान करेगी।

अफगानिस्तान की भारत के प्रति बढ़ती नज़दीकी

तालिबान शासन को किसी भी देश ने औपचारिक मान्यता नहीं दी है, और पिछले कुछ महीनों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंध बेहद खराब रहे हैं। हाल ही में यह घोषणा की गई थी कि अफगानिस्तान पाकिस्तान के साथ कोई व्यापार नहीं करेगा। इस स्थिति के कारण तालिबान सरकार भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।

व्यापार में सुधार की दिशा में कदम

भारत आज भी अफगानिस्तान से सूखे मेवे, केसर और कालीन खरीदता है, जबकि बदले में दवाइयां, अनाज और चाय प्रदान करता है। हालांकि, बैंकिंग और अन्य कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस मीटिंग में एक सुरक्षित भुगतान प्रणाली बनाने पर चर्चा की जाएगी ताकि व्यापार को बेहतर तरीके से संचालित किया जा सके। इस दौरे पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।