भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: टैरिफ में कमी की उम्मीद
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में टैरिफ में कमी की संभावना पर चर्चा हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक समझौते की उम्मीद जताई है, जबकि भारत ने डेयरी उत्पादों पर कोई समझौता करने से इनकार किया है। दोनों देशों के अधिकारी 9 जुलाई की समय सीमा से पहले एक समझौते पर पहुंचने के लिए प्रयासरत हैं। जानें इस व्यापार वार्ता का महत्व और संभावित परिणाम क्या हो सकते हैं।
Jul 2, 2025, 11:25 IST
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की संभावनाएं
भारत से अमेरिका में आयात पर 16% का जवाबी टैरिफ लागू होने में केवल एक सप्ताह शेष है। अधिकारियों के अनुसार, समझौते की संभावना कम है, क्योंकि डेयरी उत्पादों और कृषि उपज जैसे संवेदनशील मुद्दे बाधा बन सकते हैं। हालांकि, एक प्रारंभिक समझौता हो सकता है जिसमें संवेदनशील वस्तुओं को शामिल नहीं किया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार कहा है कि एक बड़ा व्यापार समझौता भी संभव है। दोनों देशों के अधिकारी 9 जुलाई की समय सीमा से पहले द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रयासरत हैं। यदि यह समझौता होता है, तो दोनों पक्षों को टैरिफ में भारी वृद्धि से बचने का अवसर मिलेगा।
डोनाल्ड ट्रंप का आश्वासन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका जल्द ही "बहुत कम टैरिफ" के साथ एक व्यापार समझौता करेंगे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "मुझे विश्वास है कि हम भारत के साथ एक समझौता करने जा रहे हैं। यह एक ऐसा सौदा होगा जिसमें हम प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।" ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत को इस दिशा में कदम उठाना होगा।
डेयरी क्षेत्र पर भारत का रुख
भारत ने डेयरी उत्पादों पर किसी भी समझौते से इनकार कर दिया है, जो कि 80 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "डेयरी पर कोई समझौता नहीं होगा। यह एक सीमा रेखा है।"
व्यापार वार्ता का विस्तार
अमेरिका में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे विशेष सचिव राजेश अग्रवाल ने गतिरोध को तोड़ने के प्रयास में अपनी यात्रा को एक और दिन के लिए बढ़ा दिया है। व्यापार वार्ता, जो मंगलवार को छठे दिन में प्रवेश कर गई, बुधवार तक जारी रहने की उम्मीद है। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी अपने अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो से मिलने वाले हैं। भारत को कपड़ा, रत्न, चमड़े के सामान और अन्य श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायतों की उम्मीद है।
व्यापार समझौते का महत्व
अंतरिम व्यापार समझौता व्यापक द्विपक्षीय व्यापार सौदे की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। इसका उद्देश्य भारतीय निर्यात पर 26 प्रतिशत तक के उच्च टैरिफ को समाप्त करना है। भारत ने कृषि पर किसी भी समझौते से इनकार करते हुए एक दृढ़ रुख अपनाया है।
अमेरिका की अपेक्षाएं
अमेरिका भारत से कृषि और डेयरी क्षेत्रों में शुल्क रियायतों की अपेक्षा कर रहा है। लेकिन भारतीय किसानों के लिए यह चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि वे छोटे खेतों पर निर्भर हैं। अमेरिका औद्योगिक उत्पादों, इलेक्ट्रिक वाहनों, और अन्य कृषि वस्तुओं पर शुल्क रियायत की मांग कर रहा है। दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने का लक्ष्य बना रहे हैं।