बिहार में ग्रामीण विकास की नई दिशा: मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना
मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना का प्रभाव
बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाने का सपना तेजी से साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के तहत, राज्य के गांवों को स्थायी पक्की सड़कों से जोड़ने का प्रयास अब वास्तविकता बन चुका है। इस योजना के माध्यम से ग्रामीण परिवहन सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ, ग्रामीण जनसंख्या को शहरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। राज्य में 33,821 किलोमीटर से अधिक ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, और इस योजना के तहत 24,289 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। कुल लक्ष्य 31,590 सड़कों का है।
योजना की विशेषताएँ
मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (एमएमजीएसवाई) उन बस्तियों और टोलों को सड़क संपर्कता प्रदान करती है जो प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में शामिल नहीं हैं। यह योजना राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित है और इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवहन की समस्याओं का समाधान करना, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार करना और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना है।
सड़क संपर्कता का विस्तार
इस योजना के तहत, राज्य के 28,000 से अधिक गांवों और टोलों को सड़क संपर्कता प्रदान की गई है, जिसकी कुल लंबाई 33,821 किलोमीटर है। इसके साथ ही, 165 छोटे और बड़े पुलों का निर्माण भी सफलतापूर्वक किया गया है। इन सड़कों के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन में सुधार हुआ है और कृषि, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसी आवश्यक सेवाओं तक पहुंच भी आसान हुई है।
सबसे अधिक सड़कें किस जिले में बनीं
मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना के तहत सबसे अधिक सड़कें मधुबनी जिले में बनाई गई हैं, जहां कुल 2,040 सड़कों का निर्माण लक्ष्य रखा गया था। इनमें से 1,561 सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है। मुजफ्फरपुर में भी 1,827 सड़कों का निर्माण किया गया है, जिसमें से 1,620 सड़कों का कार्य पूरा हो चुका है। इसी तरह, पूर्वी चंपारण, सारण, दरभंगा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और गया जैसे जिलों में भी सड़क निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है।