बांग्लादेश में हिंसा के बाद भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा बढ़ी
बांग्लादेश में हालात बिगड़ने के बाद सुरक्षा में इजाफा
प्रतीकात्मक तस्वीर
बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद स्थिति गंभीर हो गई है। राजधानी ढाका में तनाव बना हुआ है, और कई मीडिया संस्थानों में आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। इसके अलावा, मैमनसिंह जिले के भालुका में एक हिंदू युवक की हत्या भी हुई है, जिससे भारत में आक्रोश फैल गया है।
इन घटनाओं के मद्देनजर, भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा को कड़ा किया गया है। गेडे में मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन सेवाएं पहले ही निलंबित कर दी गई हैं, और सामान्य पासपोर्ट धारकों की आवाजाही में भी कमी आई है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बांग्लादेश के साथ सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है।
सीमा पार आवाजाही में कमी
बांग्लादेशी नागरिक अपने देश में हो रही घटनाओं की निंदा कर रहे हैं। भारत से लोग केवल आवश्यकताओं के लिए ही यात्रा कर रहे हैं। एक वैन चालक ने बताया कि बांग्लादेश की तरफ बैठकें हो रही हैं, जिससे भीड़ बढ़ गई है। लोग पासपोर्ट लेकर नहीं आ पा रहे हैं, जिससे सीमा पार आवाजाही में कमी आई है।
सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार
सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ ने सीमा पर अपनी खुफिया शाखा को सक्रिय कर दिया है और घुसपैठ एवं अवैध प्रवासन को रोकने के लिए हाई अलर्ट पर है। बल स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है और आवश्यक कार्रवाई के लिए तैयार है। बीएसएफ ने कछार और मिजोरम फ्रंटियर में सुरक्षा को कड़ा किया है।
कुशियारा नदी के तटीय क्षेत्र में थर्मल कैमरे, नाइट-विजन कैमरे, सीसीटीवी सिस्टम और अन्य सुरक्षा उपकरण लगाए गए हैं। भारत बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, जिसमें से लगभग 94 किलोमीटर असम के श्रीभूमि जिले और 27 किलोमीटर कछार जिले की है।
इनपुट/ प्रथा खानरा