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पूर्व एनएसजी कमांडो बजरंग सिंह की गिरफ्तारी: ड्रग तस्करी का बड़ा खुलासा

राजस्थान में एंटी-टेरर स्क्वाड और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने पूर्व एनएसजी कमांडो बजरंग सिंह को गिरफ्तार किया है, जो गांजा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का सरगना था। इस गिरफ्तारी से ड्रग तस्करी पर अंकुश लगाने की उम्मीद जताई जा रही है। जानें कैसे दो महीने तक चले ऑपरेशन गंजने ने इस तस्कर को पकड़ने में मदद की।
 

बजरंग सिंह की गिरफ्तारी

बजरंग सिंह गिरफ्तार

राजस्थान की एंटी-टेरर स्क्वाड और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने मिलकर पूर्व एनएसजी कमांडो बजरंग सिंह को गिरफ्तार किया है, जो गांजा तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का मुख्य सरगना था। उसे चूरू के रतनगढ़ से पकड़ा गया, और उसके पास से 200 किलो गांजा बरामद किया गया। यह कमांडो मुंबई के 26/11 आतंकी हमलों का जवाब देने वाली टीम का हिस्सा था।

बजरंग सिंह राजस्थान के सीकर जिले का निवासी है, और पुलिस उसे काफी समय से खोज रही थी। उसके ऊपर 25,000 रुपये का इनाम रखा गया था। उसे पकड़ने के लिए ‘ऑपरेशन गंजने’ चलाया गया था।

बजरंग सिंह को पकड़ने के लिए दो महीने तक ऑपरेशन गंजने चलाया गया। इस दौरान एक गुप्त सूचना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जानकारी के अनुसार, वह केवल उड़िया रसोइये को रखता था, जो उसके लिए विशेष भोजन तैयार करता था। पुलिस को रसोइये के रिश्तेदारों से मिली तकनीकी जानकारी के आधार पर बजरंग को गिरफ्तार किया गया।

रिटायरमेंट के बाद का जीवन

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस गिरफ्तारी के बाद अवैध ड्रग तस्करी पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्हें उम्मीद है कि यह गिरफ्तारी ओडिशा और तेलंगाना से राजस्थान में होने वाली तस्करी को रोकने में सहायक होगी। बजरंग ने 10वीं कक्षा के बाद एनएसजी जॉइन किया और 2008 में 26/11 हमलों के बाद विशेष टीम का हिस्सा बना। रिटायरमेंट के बाद उसकी जिंदगी में गिरावट आई, और वह संगठित ड्रग तस्करी की ओर बढ़ गया।