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नॉर्वे: दुनिया का आखिरी देश और इसकी अद्भुत विशेषताएँ

क्या आप जानते हैं कि दुनिया का आखिरी देश कौन सा है? नॉर्वे, जिसे आर्कटिक सर्कल में स्थित माना जाता है, अपनी अद्भुत भौगोलिक और खगोलीय विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ 6 महीने दिन और 6 महीने रात होती है, और इसकी अनोखी जगहें जैसे नॉर्थ कैप इसे और भी खास बनाती हैं। इस लेख में हम नॉर्वे की इन विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।
 

दुनिया का आखिरी देश


दुनिया में कई अद्भुत देश हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सबसे अंतिम देश कौन सा है? यदि नहीं, तो चिंता न करें, क्योंकि इस लेख में हम आपको नॉर्वे के बारे में बताएंगे, जिसे अक्सर 'दुनिया का आखिरी देश' कहा जाता है। यह देश आर्कटिक सर्कल में स्थित है और यहीं से धरती का अंतिम छोर शुरू होता है। यहाँ के प्राकृतिक दृश्य इतने अद्भुत हैं कि आप देख कर दंग रह जाएंगे।


विशेष भौगोलिक और खगोलीय घटनाएँ

नॉर्वे को इसके अनोखे भौगोलिक और खगोलीय चमत्कारों के लिए जाना जाता है। यहाँ 6 महीने दिन और 6 महीने रात होती है। नवंबर से जनवरी के बीच सूरज नहीं निकलता, जिसे 'पोलर नाइट' कहा जाता है। वहीं, मई से जुलाई तक सूरज कभी नहीं डूबता, जिसे 'मिडनाइट सन' कहा जाता है। यहाँ रात के 12 बजे भी सूरज आसमान में चमकता रहता है। हैमरफेस्ट जैसे शहरों में तो सूरज केवल 40 मिनट के लिए डूबता है, जिससे इसे 'कंट्री ऑफ मिडनाइट सन' भी कहा जाता है।


नॉर्थ कैप: दुनिया का उत्तरी छोर

नॉर्वे में एक और खास जगह है, जिसे 'नॉर्थ कैप' कहा जाता है। यहाँ E-69 नाम का एक हाईवे है, जो दुनिया का सबसे उत्तरी छोर है और इसकी लंबाई लगभग 14 किलोमीटर है। इस हाईवे पर अकेले चलने या गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं है, क्योंकि यह क्षेत्र बेहद दूर और दुर्गम है। नॉर्वे की यह अनोखी भौगोलिक स्थिति इसे एक रहस्यमयी और आकर्षक स्थान बनाती है।