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जयपुर में वायु प्रदूषण कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर की शुरुआत

जयपुर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एयर प्यूरीफायर की स्थापना की गई है। रामबाग चौराहे पर लगाए गए इस प्यूरीफायर का परीक्षण चल रहा है, जिससे प्रदूषण में कमी की उम्मीद है। यदि यह सफल होता है, तो अन्य व्यस्त चौराहों पर भी इसे लगाया जाएगा। इस पहल के बारे में अधिक जानें और इसके प्रभाव का आंकलन करें।
 

जयपुर में एयर प्यूरीफायर की स्थापना

जयपुर एयर प्यूरीफायर: जयपुर शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रमुख चौराहों पर एयर प्यूरीफायर स्थापित किए जा रहे हैं। इस पहल की शुरुआत रामबाग चौराहे से की गई है। नगर निगम ने इसे कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड के तहत लगाया है। ये प्यूरीफायर उन स्थानों पर लगाए जाएंगे जहां यातायात का दबाव अधिक है।


प्रदूषण की निगरानी

पहले चरण में, रामबाग चौराहे पर फुटपाथ पर एक स्टैंड बनाकर इसे स्थापित किया गया है। यह परीक्षण किया जा रहा है कि यह प्रदूषित तत्वों को कितना कम कर रहा है। डेटा के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिससे यह पता चलेगा कि उस क्षेत्र में प्रदूषण में कितनी कमी आई है। यदि यह प्रभावी साबित होता है, तो शहर के तीन अन्य व्यस्त चौराहों पर भी इसे लगाया जाएगा।


सोशल मीडिया पर चर्चा

नगर निगम ने रामबाग चौराहे को एयर प्यूरीफायर के लिए इसलिए चुना है क्योंकि यहां वाहनों की संख्या अधिक होती है और लाल बत्ती पर ये वाहन रुकते हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ता है। यह एयर प्यूरीफायर सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना हुआ है, और इसके कई फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं।


एक्यूआई की स्थिति

राजधानी में एक्यूआई 200 के पार

सर्दियों के साथ, शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 200 को पार कर रहा है। जयपुर का औसत एक्यूआई 150 से 225 के बीच है, जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 250 को भी पार कर रहा है।


अजमेरी गेट पर एयर प्यूरीफायर

अजमेरी गेट: कोई ध्यान नहीं

अजमेरी गेट पर एक एयर प्यूरीफायर पहले से ही स्थापित है, लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का कहना है कि यह पिछले 4-5 वर्षों से बिना देखरेख के है।


डेटा संग्रहण और भविष्य की योजनाएं

वर्तमान में जो डेटा एकत्र किया जा रहा है, वह कंपनी के पास जा रहा है। इसके प्रभाव का पूरा डेटा प्राप्त करने के बाद, अन्य स्थानों पर भी एयर प्यूरीफायर लगाए जाएंगे।
-गौरव सैनी, आयुक्त, नगर निगम


प्रदूषण नियंत्रण की चुनौतियाँ

जहां प्रदूषण के स्रोत होते हैं, वहां उन्हें नियंत्रित करना आवश्यक है। हवा में प्रदूषक तत्वों के आने पर उन्हें नियंत्रित करना कठिन होता है। इसलिए, इन उपकरणों का प्रभाव सीमित होता है। पहले भिवाड़ी में लगाए गए एयर प्यूरीफायर भी पूरी तरह से सफल नहीं हुए थे।
-डॉ. विजय सिंघल, पूर्व मुख्य अभियंता, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल