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जयपुर के एसएमएस अस्पताल में अग्निकांड: गहलोत और डोटासरा ने सरकार पर उठाए सवाल

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में हाल ही में हुए अग्निकांड ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस के नेता अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार की लापरवाही पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ितों ने बताया कि जब आग लगी, तो अस्पताल का स्टाफ उनकी मदद नहीं कर सका। गहलोत ने मांग की है कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए। जानें इस घटना के बारे में और क्या कहा गया है।
 

अग्निकांड के बाद की स्थिति

जयपुर के एसएमएस अस्पताल में अग्निकांड के बाद गहलोत ने सरकार को घेरा।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एसएमएस अस्पताल में हाल ही में हुए अग्निकांड के बाद कांग्रेस के नेता, जैसे गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीड़ितों से मिलने पहुंचे। गहलोत ने कहा कि यह घटना सरकार की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कफ सिरप से हुई मौतों के बावजूद सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पीड़ितों ने बताया कि जब आग लगी, तो उन्होंने अस्पताल के स्टाफ को सूचित किया, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। कई लोगों ने अपने परिजनों को खुद आईसीयू से बाहर निकाला।

डोटासरा ने कहा कि लोग आग से मर रहे हैं और सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि दवाइयों की एक्सपायरी के कारण भी कई जानें गई हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की कि यदि ऐसी स्थिति बनी रही, तो हालात और बिगड़ेंगे।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

गहलोत ने कहा कि स्थिति गंभीर है और मुख्यमंत्री को पीड़ित परिवारों से बात करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मृतकों के परिजनों को धमकाया और सीएम के आने पर उन्हें दूर भगा दिया। गहलोत ने मांग की कि इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

एक पीड़ित ने बताया कि आग रात 11:20 बजे लगी थी और उन्होंने तुरंत स्टाफ को सूचित किया। लेकिन, उन्हें मदद नहीं मिली। सीएम के आने से पहले पुलिस ने परिजनों को दूर भगा दिया।

गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने घटना की सूचना मिलते ही तुरंत कार्रवाई की और पीड़ितों की मदद के लिए निर्देश दिए।

विपक्ष की भूमिका

कैबिनेट मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि यह घटना दुखद है और सरकार ने जांच के लिए एक समिति बनाई है। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे इस दुखद घटना पर राजनीति न करें और सरकार का सहयोग करें।