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जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने मनाया ईद मिलाद-उन-नबी का जश्न

जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले के बालनोई सेक्टर में भारतीय सेना ने स्थानीय मुसलमानों के साथ मिलकर ईद मिलाद-उन-नबी का 1500वां जश्न मनाया। यह आयोजन न केवल धार्मिक पर्व था, बल्कि यह भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक भी बना। सेना का यह मानवीय चेहरा स्थानीय समुदाय के साथ विश्वास और आत्मीयता को बढ़ावा देता है, जिससे सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण परिणाम मिलते हैं। इस पहल ने यह साबित किया है कि विविधता और एकता ही राष्ट्र की असली ताकत हैं।
 

बालनोई सेक्टर में भाईचारे का संदेश

जम्मू-कश्मीर के पुंछ ज़िले का बालनोई सेक्टर अक्सर संघर्षविराम उल्लंघनों और तनावपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल ही में इस क्षेत्र से एक सकारात्मक खबर आई है, जिसने उम्मीद, भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया है। भारतीय सेना की कृष्णा घाटी ब्रिगेड की बालनोई बटालियन ने स्थानीय मुसलमानों के साथ मिलकर ईद मिलाद-उन-नबी के 1500वें साल का जश्न मनाया।




यह आयोजन केवल एक धार्मिक पर्व का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह भारतीय सेना के उस स्वरूप का प्रतीक था जो सीमा की रक्षा के साथ-साथ नागरिक समाज के साथ विश्वास और आत्मीयता को भी बढ़ावा देता है। ईद मिलाद-उन-नबी पैगंबर हज़रत मोहम्मद साहब की शिक्षाओं— भाईचारे, करुणा और न्याय का स्मरण है। जब सेना स्थानीय लोगों के साथ मिलकर इस पर्व को मनाती है, तो यह उन शिक्षाओं को भारतीय संविधान और समाज की बहुलतावादी परंपरा से जोड़ देता है। इस सरहदी क्षेत्र में यह दृश्य यह संदेश देता है कि धार्मिक विविधता भारत की ताकत है और इसे सुरक्षित रखने में सेना की भूमिका महत्वपूर्ण है।


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यह पहल सुरक्षा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। जब सेना और स्थानीय समुदाय के बीच भरोसा मजबूत होता है, तो सीमापार से घुसपैठ और कट्टरपंथी तत्वों को पनपने का अवसर नहीं मिलता। सेना का यह मानवीय चेहरा युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ता है और उन्हें नकारात्मक रास्तों से दूर रखने में मदद करता है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से भारतीय सेना यह साबित करती है कि वह केवल सीमा की प्रहरी नहीं, बल्कि राष्ट्र के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की भी संरक्षक है। बालनोई सेक्टर का यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि "जीत केवल ज़मीन की नहीं, दिलों की भी ज़रूरी है।" भारतीय सेना की यह पहल प्रशंसा के योग्य है और यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है कि विविधता और एकता मिलकर ही राष्ट्र की असली शक्ति बनाती हैं। बहरहाल, आइये देखते हैं प्रतिक्रियाएं।