×

चीन-पाकिस्तान का 'ऑल वेदर' गठबंधन: पूर्व विदेश सचिव का खुलासा

पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती और 'ऑल वेदर' गठबंधन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उन्होंने बताया कि यह गठबंधन भारत के खिलाफ तीनों मोर्चों पर काम कर रहा है। श्रृंगला ने भारत की विदेश नीति के यथार्थवाद और आदर्शवाद के बीच संतुलन को भी रेखांकित किया। जानें इस गठबंधन का भारत पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और कैसे यह क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है।
 

चीन और पाकिस्तान के बीच गहरी दोस्ती

चीन और पाकिस्तान के संबंधों पर पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने टिप्पणी की।

चीन और पाकिस्तान के बीच की मित्रता को अटूट माना जाता है। वैश्विक परिवर्तनों के बीच, दोनों देश एक-दूसरे के करीब आते जा रहे हैं। जब बात भारत के खिलाफ होती है, तो यह संबंध और भी मजबूत हो जाता है। पूर्व विदेश सचिव ने बताया कि चीन और पाकिस्तान के बीच एक 'ऑल वेदर' गठबंधन की योजना बन रही है, जिसमें चीन तीनों मोर्चों पर पाकिस्तान की सहायता कर रहा है।

हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और पाकिस्तान के बीच की गहरी रणनीतिक साझेदारी स्पष्ट हुई। उन्होंने बताया कि चीन की भागीदारी केवल रक्षा आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह खुफिया और कूटनीतिक समर्थन तक फैली हुई है, जिससे एक 'सदाबहार' गठबंधन का निर्माण हो रहा है, जिसका उद्देश्य भारत की प्रगति को रोकना है। यह जानकारी उन्होंने पुणे इंटरनेशनल सेंटर द्वारा आयोजित एक संवाद कार्यक्रम में साझा की।

भारत की विदेश नीति पर श्रृंगला का दृष्टिकोण

उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति यथार्थवाद और आदर्शवाद के बीच संतुलन को दर्शाती है, जो विकास, रणनीतिक स्वायत्तता और एक समावेशी वैश्विक दृष्टिकोण पर आधारित है। श्रृंगला, जो G20 प्रेसीडेंसी के लिए भारत के मुख्य समन्वयक रह चुके हैं, ने तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की उभरती विदेश नीति और रणनीतिक प्राथमिकताओं पर अपने विचार रखे।

पुणे इंटरनेशनल सेंटर द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, चर्चा में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें भारत के चीन और पाकिस्तान के साथ संबंध, आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति, और रक्षा तथा कूटनीति में तकनीकी उपकरणों की भूमिका शामिल थी। पूर्व विदेश सचिव ने भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करने के लिए रणनीतिक निवारण, कुशल कूटनीति और घरेलू विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

पाक-चीन संबंधों की गहराई

संवाद कार्यक्रम में 'ऑपरेशन सिंदूर' का भी उल्लेख किया गया। इस साल मई में भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों के उपयोग के सवालों का जवाब देते हुए, श्रृंगला ने इसे चीन और पाकिस्तान के बीच गहरी रणनीतिक साझेदारी का संकेत बताया।

उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ती मित्रता के प्रति चेतावनी दी और कहा कि चीन की भागीदारी केवल रक्षा आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह खुफिया जानकारी और कूटनीतिक समर्थन तक फैली हुई है। इस कारण से, एक 'सदाबहार' गठबंधन का निर्माण हो रहा है, और उन्होंने भारत के रणनीतिक हितों के लिए साझेदारियों के माध्यम से प्रतिक्रिया देने का आह्वान किया।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के संबंधों पर, श्रृंगला ने कहा कि फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने ट्रंप प्रशासन के तहत अपनी स्थिति को मजबूत किया है और वाशिंगटन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे हैं।

पुणे इंटरनेशनल सेंटर की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में अपने अनुभव का उपयोग करते हुए, उन्होंने पाकिस्तान के अल्पकालिक सामरिक दृष्टिकोण और भारत की दीर्घकालिक कूटनीति के बीच तुलना की। उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक संतुलन पर बोलते हुए 'पड़ोसी पहले' नीति के महत्व पर जोर दिया और ग्लोबल साउथ, पश्चिम एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ गहन जुड़ाव पर भी ध्यान केंद्रित किया।