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चीन का अरुणाचल प्रदेश पर बढ़ता दावा: अमेरिका की नई रिपोर्ट

अमेरिकी रक्षा विभाग की एक नई रिपोर्ट में चीन के अरुणाचल प्रदेश पर बढ़ते दावों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने इस क्षेत्र को अपने 'मुख्य हितों' में शामिल कर लिया है। इसके साथ ही, 2049 तक एक विश्व स्तरीय सेना बनाने का लक्ष्य भी रखा गया है। भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से देश का हिस्सा रहेगा। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है।
 

चीन की विस्तारवादी नीति पर चिंता

पूर्वी लद्दाख में LAC पर सेनाओं की वापसी के बावजूद, अमेरिकी रक्षा विभाग की एक नई रिपोर्ट ने भविष्य में संभावित खतरों की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश को ताइवान की तरह अपने 'मुख्य हितों' में शामिल कर लिया है।


2049 का महत्वाकांक्षी लक्ष्य

इस रिपोर्ट को अमेरिकी कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें कहा गया है कि चीन 2049 तक 'महान पुनरुत्थान' (Great Rejuvenation) के अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है। इसके तहत, चीन अरुणाचल प्रदेश, ताइवान और दक्षिण चीन सागर पर अपने दावों को मजबूत कर रहा है।


बीजिंग का उद्देश्य 2049 तक एक 'विश्व स्तरीय सेना' का निर्माण करना है, जो वैश्विक स्तर पर किसी भी युद्ध को 'लड़ने और जीतने' में सक्षम हो।


मैकमोहन रेखा का विवाद

चीन अरुणाचल प्रदेश को 'दक्षिण तिब्बत' मानता है और 1914 में अंग्रेजों द्वारा खींची गई मैकमोहन रेखा को मान्यता नहीं देता। उसकी नजर विशेष रूप से तवांग पर है, और अब उसने पूरे अरुणाचल प्रदेश को विवादित क्षेत्र घोषित कर दिया है।


भारत पर दबाव बनाने के लिए, चीन समय-समय पर अरुणाचल के विभिन्न स्थानों के लिए 'चीनी नामों' की फर्जी सूचियाँ जारी करता है।


हालिया घटनाएँ

हाल की कुछ घटनाओं ने इस तनाव को और बढ़ा दिया है। पिछले महीने, लंदन से जापान जा रही प्रेमा थोंगडोक को शंघाई एयरपोर्ट पर 18 घंटे तक हिरासत में रखा गया। चीनी अधिकारियों का कहना था कि उनके पासपोर्ट पर 'अरुणाचल' का उल्लेख उन्हें 'अमान्य' बनाता है।


एक यूट्यूबर को भी चीन में हिरासत में लिया गया, क्योंकि उसने अपने वीडियो में अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा बताया था।


अमेरिका का नया रुख

पूर्व राजनयिक महेश सचदेव के अनुसार, यह पहली बार है जब अमेरिका ने लद्दाख के बजाय अरुणाचल प्रदेश पर चीन की गतिविधियों पर खुलकर चर्चा की है। यह दर्शाता है कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की विस्तारवादी नीति को गंभीरता से लिया जा रहा है।


भारत का स्पष्ट संदेश

भारत सरकार ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से देश का अभिन्न हिस्सा रहा है और रहेगा।