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चांदी की कीमत ने तोड़ा रिकॉर्ड, पहली बार ₹2 लाख प्रति किलो के पार

चांदी की कीमत ने एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है, पहली बार ₹2 लाख प्रति किलो को पार करते हुए। यह वृद्धि केवल निवेश के कारण नहीं है, बल्कि औद्योगिक मांग और वैश्विक कारकों का भी प्रभाव है। जानें कि कैसे चांदी की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ी हैं और इसके पीछे के कारण क्या हैं। इसके साथ ही, सोने की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई है। इस लेख में हम इन सभी पहलुओं पर चर्चा करेंगे।
 

चांदी की नई ऊंचाई


यदि आप चांदी के दाम पर ध्यान दे रहे थे, तो आज का दिन निश्चित रूप से आपको चौंका देगा। 17 दिसंबर को चांदी ने एक नया मील का पत्थर पार किया है, जो पहले केवल चर्चा का विषय था। पहली बार चांदी की कीमत ₹2 लाख प्रति किलो को पार कर गई है, जिससे एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है।


9 महीने में चांदी का सफर

इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, चांदी की कीमत ₹2,00,750 पर पहुंच गई है, जिसमें ₹8,775 की वृद्धि हुई है। इससे पहले चांदी की कीमत ₹1,91,977 प्रति किलो थी। उल्लेखनीय है कि 18 मार्च को चांदी ने पहली बार ₹1 लाख प्रति किलो का आंकड़ा छुआ था, और अब इसे ₹2 लाख तक पहुंचने में केवल 9 महीने लगे हैं। वहीं, ₹50,000 से ₹1 लाख तक पहुंचने में चांदी को 14 साल का समय लगा था। यह तेजी पहले कभी नहीं देखी गई।


चांदी की महंगाई के कारण

चांदी की इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे केवल निवेश का कारण नहीं है, बल्कि कई वैश्विक कारक भी शामिल हैं। औद्योगिक मांग ने चांदी की स्थिति को बदल दिया है; अब यह केवल गहनों तक सीमित नहीं है। सौर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) जैसे क्षेत्रों में इसकी भारी खपत ने इसे एक आवश्यक कच्चे माल में बदल दिया है।


मैन्युफैक्चरर्स की खरीदारी का बढ़ता चलन

उत्पादन में रुकावट या आपूर्ति श्रृंखला में समस्याओं के डर से कई निर्माता अग्रिम खरीदारी कर रहे हैं। इस कारण से आने वाले महीनों में भी चांदी की कीमतों में तेजी बनी रहने की संभावना है।


सोने की कीमतों में भी वृद्धि

चांदी के साथ-साथ, आज सोने की कीमतों में भी वृद्धि देखी गई। 24 कैरेट शुद्धता वाला सोना ₹936 की बढ़त के साथ ₹1,32,713 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। कल, यानी 16 दिसंबर को सोने की कीमत ₹1,31,777 थी, जबकि 15 दिसंबर को सोने ने ₹1,33,442 प्रति 10 ग्राम का रिकॉर्ड बनाया था।