क्या स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग डिप्रेशन का कारण बन सकता है?
स्मार्टफोन और मानसिक स्वास्थ्य
नई दिल्ली। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग से डिप्रेशन की समस्या बढ़ सकती है। विशेष रूप से बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखने की सलाह दी जाती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि स्मार्टफोन का अधिक उपयोग सामाजिक अलगाव, नींद की समस्याएं, शारीरिक गतिविधियों में कमी और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकारों का कारण बन सकता है। इसके साथ ही, यह साइबर बुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न के खतरे को भी बढ़ा सकता है। इस विषय पर हमने एआई चैटबॉट चैटजीपीटी से जानकारी प्राप्त की।
चैटजीपीटी ने बताया कि स्मार्टफोन का अधिक उपयोग डिप्रेशन का एक कारण हो सकता है, लेकिन यह केवल एक पहलू है। इसके अलावा, डिप्रेशन के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
सोशल मीडिया पर समय बिताने से लोग अपने जीवन की तुलना दूसरों से करने लगते हैं, जिससे असुरक्षा और नकारात्मक भावनाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यदि कोई व्यक्ति अपने स्मार्टफोन पर अधिक समय बिताता है और वास्तविक जीवन में कम समय व्यतीत करता है, तो वह सामाजिक रूप से अलग हो सकता है, जिससे डिप्रेशन का खतरा बढ़ सकता है।
लंबे समय तक स्मार्टफोन, टैबलेट, और कंप्यूटर की स्क्रीन पर देखने से आंखों में समस्या हो सकती है, और इससे नींद की कमी हो सकती है, जो डिप्रेशन का एक कारण बन सकता है।
अधिक समय स्मार्टफोन पर बिताने से नकारात्मक विचार और तनाव बढ़ सकते हैं, जो डिप्रेशन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
हालांकि स्मार्टफोन का उपयोग डिप्रेशन को बढ़ा सकता है, यह एकमात्र कारण नहीं है। डिप्रेशन के उपचार के लिए विशेषज्ञ की सलाह और सहायता आवश्यक होती है। यदि आपको या किसी अन्य व्यक्ति को डिप्रेशन के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करना चाहिए।