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कोरोना के खिलाफ देसी नुस्खा: क्या है कपूर और लौंग का सच?

कोरोना वायरस महामारी के बीच, एक देसी नुस्खा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल को सूंघने की सलाह दी जा रही है। मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे 'सेहत की पोटली' कहा है। हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस नुस्खे की सच्चाई पर सवाल उठाए जा रहे हैं। क्या ये उपाय वास्तव में फायदेमंद हैं या हानिकारक? जानें इस लेख में।
 

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच देसी उपाय

कोरोना वायरस महामारी ने देश को गंभीर संकट में डाल दिया है, और पिछले 24 घंटों में 3 लाख नए मामले सामने आए हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने लोगों को घरों में रहने और मास्क पहनने की सलाह दी है। इसी बीच, एक देसी उपाय सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें कपूर, लौंग, अजवाइन और नीलगिरी के तेल को सूंघने की सलाह दी जा रही है।


मंत्री का सुझाव

मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इस नुस्खे को साझा करते हुए कहा है कि लोग कपूर, लौंग, नीलगिरी का तेल और अजवाइन की पोटली अपने साथ रखें। उन्होंने सुझाव दिया कि इस पोटली को समय-समय पर सूंघने से सांस लेने में आसानी होती है और ऑक्सीजन का स्तर भी बना रहता है।


क्या है इस नुस्खे की सच्चाई?

सोशल मीडिया पर इस पोटली के उपयोग की चर्चा जोरों पर है, लेकिन कुछ लोग इसे खतरनाक भी मानते हैं। कई शोधों में यह पाया गया है कि इन सामग्रियों का कोरोना वायरस से कोई संबंध नहीं है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, कपूर एक ज्वलनशील पदार्थ है, जिसका उपयोग दर्द और खुजली में किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य लाभों पर कोई ठोस अध्ययन नहीं है।


कपूर के दुष्प्रभाव


अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ पॉइजन कंट्रोल सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कपूर से संबंधित लगभग 9,500 जहर के मामले सामने आए हैं। इनमें से 10 मामलों में लोगों की जान को खतरा था। एफडीए भी कपूर को हानिकारक मानता है, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।


अन्य सामग्रियों का प्रभाव

लौंग, दालचीनी, जायफल और तुलसी में मौजूद यौगिक यूजेनॉल टॉक्सिसिटी का कारण बन सकते हैं। हालांकि, लौंग से ऑक्सीजन स्तर बढ़ाने का दावा अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है। इसी तरह, अजवाइन और नीलगिरी के तेल के बारे में भी कोई ठोस शोध नहीं है जो यह साबित करे कि ये ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाते हैं।