कनाताल: उत्तराखंड का एक शांत और सुंदर पर्यटन स्थल
कनाताल की विशेषताएँ
उत्तराखंड के लोकप्रिय पहाड़ी स्थलों, जैसे नैनीताल और मसूरी, में अक्सर पर्यटकों की भीड़ रहती है। यदि आप एक शांत और आरामदायक स्थान की तलाश में हैं, जहाँ आप प्रकृति की असली सुंदरता का अनुभव कर सकें, तो इस बार आप कनाताल की ओर रुख कर सकते हैं।
देहरादून से लगभग 78 किमी दूर स्थित, यह छोटा सा गांव टिहरी गढ़वाल जिले में है। यहाँ की अद्वितीय सुंदरता, घने देवदार और ओक के जंगल, और हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के अद्भुत दृश्य इसे खास बनाते हैं। यहाँ की शांति और ताजा हवा आपके मन को तुरंत तरोताजा कर देगी।
कनाताल की खासियतें
कनाताल क्यों खास है?
कनाताल का नाम यहाँ के पुराने 'कनाताल' झील के नाम पर रखा गया था, जो अब सूख चुकी है। फिर भी, यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह उन लोगों के लिए एक आदर्श गंतव्य है जो शहरी जीवन की हलचल से दूर कुछ दिन बिताना चाहते हैं। यहाँ आप बस प्रकृति के करीब रह सकते हैं, पक्षियों की चहचहाहट सुन सकते हैं, और रात में तारों भरे आसमान का आनंद ले सकते हैं।
कनाताल में घूमने की जगहें
कनाताल में घूमने के स्थान
सुरकंडा देवी मंदिर: यह मंदिर एक छोटी पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ पहुँचने के लिए एक छोटी सी चढ़ाई करनी होती है। मंदिर से हिमालय की चोटियों और आसपास की घाटियों का शानदार 360-डिग्री दृश्य मिलता है।
टिहरी झील: कनाताल से थोड़ी दूरी पर स्थित, यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित झीलों में से एक है। यहाँ आप बोटिंग और जेट स्कीइंग जैसे जल खेलों का आनंद ले सकते हैं।
कोडाई वन: यह वन अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। आप यहाँ एक प्रकृति की सैर पर जा सकते हैं और हिमालय की सुंदर वनस्पति और जीव-जंतु देख सकते हैं।
कनाताल जाने का सबसे अच्छा समय
कनाताल जाने का सबसे अच्छा समय
कनाताल जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर के बीच है। इस समय मौसम बहुत सुखद रहता है। यदि आप बर्फबारी का आनंद लेना चाहते हैं, तो आप दिसंबर से फरवरी के बीच योजना बना सकते हैं, जब पूरा क्षेत्र बर्फ की सफेद चादर से ढका होता है।
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