इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट से हवाई यातायात प्रभावित
ज्वालामुखी विस्फोट का अचानक प्रभाव
इथियोपिया में एक ज्वालामुखी, जो लगभग 10,000 वर्षों से सक्रिय था, रविवार (24 नवंबर) को अचानक फट पड़ा। इस घटना के समय इंडिगो एयरलाइंस का एक विमान उसके पास से गुजर रहा था, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण विमान की उड़ान को डायवर्ट करना पड़ा। लावा के अचानक निकलने से हवाई मार्ग भी बाधित हो गए। रिपोर्टों के अनुसार, ज्वालामुखी अब शांत हो चुका है, लेकिन इससे निकली राख का धुआं 15 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया है।
ज्वालामुखी की राख का धुआं लाल सागर को पार करते हुए यमन और ओमान की ओर तेजी से फैल रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में हवाई यातायात पर असर पड़ा है। मौसम की स्थिति को लेकर भी चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 23 नवंबर को इथियोपिया के अफार क्षेत्र में हेली गुब्बी नामक ज्वालामुखी ने पहली बार इतना बड़ा विस्फोट किया। इसके धमाके से आसमान में राख और सल्फर डाई ऑक्साइड के बादल 15 किमी तक उठे। यह क्षेत्र धरती के सबसे कठिन इलाकों में से एक माना जाता है।
इंडिगो की उड़ान 6E 1433, जो कन्नूर से अबू धाबी जा रही थी, को इस ज्वालामुखी विस्फोट के कारण बने विशाल राख के बादलों के चलते अपना रास्ता बदलना पड़ा। सुरक्षा कारणों से विमान को अहमदाबाद हवाई अड्डे की ओर डायवर्ट किया गया।
एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी
अकासा एयरलाइन ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय विमानन प्रोटोकॉल के अनुसार ज्वालामुखी गतिविधियों पर ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। एयरलाइंस ने यह भी बताया कि ज्वालामुखी से निकली राख का बादल उड़ान के इंजनों के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर सकता था। इस कारण, संभावित खतरों को देखते हुए पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने उड़ान को सुरक्षित रूट पर ले जाने का निर्णय लिया। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद विमान को अहमदाबाद में सुरक्षित उतारा गया.