अमेजन की छंटनी से भारत में AI का खतरा बढ़ा
अमेजन की छंटनी: भारत के लिए चेतावनी
Amazon LayoffsImage Credit source: Canva
ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमेजन द्वारा हाल ही में की गई छंटनी भारत के लिए एक गंभीर संकेत है। कंपनी ने वैश्विक स्तर पर 14,000 कॉर्पोरेट नौकरियों में कटौती की है, जिसका प्रभाव अब केवल प्रारंभिक स्तर की प्रोग्रामिंग नौकरियों तक सीमित नहीं है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब मार्केटिंग, वित्त, मानव संसाधन और तकनीकी क्षेत्रों में भी नौकरियों को खतरे में डाल रहा है। भारत जैसे देश के लिए, जहां युवा जनसंख्या की संख्या अधिक है, यह स्थिति चिंताजनक है।
छंटनी का भारत पर प्रभाव
हालांकि अमेजन की वैश्विक छंटनी का भारत में तुरंत प्रभाव महसूस नहीं हो सकता, लेकिन प्रभावित नौकरियों की प्रकृति चिंता का विषय है। जनरेटिव AI ने अब प्रोग्रामिंग से आगे बढ़कर वित्त, मार्केटिंग और मानव संसाधन जैसी व्हाइट-कॉलर नौकरियों पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे आउटसोर्सिंग केंद्रों में पहले से ही AI का प्रभाव देखा जा रहा है, जिससे भारत के युवा, विशेषकर तकनीकी रूप से सक्षम जनसंख्या के करियर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
AI से प्रभावित होने वाले क्षेत्र
उत्तर-पश्चिमी विश्वविद्यालय और MIT के शोध के अनुसार, नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग में वृद्धि उन नौकरियों को अधिक प्रभावित करेगी जो कम-शिक्षित, कम-भुगतान और पुरुष-प्रधान हैं। लेकिन इस बार बदलाव उल्टा भी हो सकता है। AI उन कार्यों को भी प्रभावित करेगा जिनके लिए पांच साल तक के प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है, जैसे कि बैंकिंग विशेषज्ञ या ऑडिटिंग। McKinsey जैसी कंपनियों ने पहले ही अपने AI टूल 'Lilli' को स्लाइड डेक और डेटा विश्लेषण में लागू कर दिया है, जो कई पारंपरिक नौकरियों को बदल सकता है।
भारत के युवा और AI का भविष्य
भारत में 37.5 करोड़ से अधिक युवा 10 से 24 वर्ष की आयु के बीच हैं। शहरी क्षेत्रों में युवाओं की बेरोजगारी दर 18.5% तक पहुंच गई है, और महिलाओं की भागीदारी और भी कम है। यदि कंपनियां एंट्री-लेवल नौकरियों को AI द्वारा प्रतिस्थापित करती हैं, तो नए स्नातकों के लिए करियर में आगे बढ़ना कठिन हो जाएगा। LSE की रिपोर्ट बताती है कि यदि AI प्रारंभिक नौकरियों को छीन लेता है, तो कौशल उन्नयन और प्रशिक्षण के अवसर भी समाप्त हो जाएंगे।