2025 हेनले पासपोर्ट इंडेक्स: एशिया का दबदबा और भारत की रैंकिंग में गिरावट
नई दिल्ली में वैश्विक गतिशीलता का नया अध्याय
दुनिया भर में यात्रा की स्वतंत्रता अब एशियाई देशों के हाथों में सिमटती नजर आ रही है। हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, एशिया वैश्विक गतिशीलता में प्रमुखता बनाए हुए है। आइए जानते हैं कि कौन से देशों के पासपोर्ट सबसे प्रभावशाली हैं और भारतीय यात्रियों के लिए क्या बदलाव आए हैं।
सिंगापुर: दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट
सिंगापुर ने एक बार फिर साबित किया है कि उसका पासपोर्ट विश्व में सबसे प्रभावशाली है। सिंगापुर के नागरिक बिना किसी पूर्व वीजा के 193 देशों में यात्रा कर सकते हैं। इसके मजबूत राजनयिक संबंध, स्थिर शासन और व्यापारिक उदारीकरण ने इसे इस स्थान पर बनाए रखा है।
एशियाई देशों का दबदबा
रैंकिंग में शीर्ष तीन स्थानों पर एशियाई देशों का कब्जा यह दर्शाता है कि इस क्षेत्र का वैश्विक स्तर पर प्रभाव बढ़ रहा है:
दूसरे स्थान पर: दक्षिण कोरिया (190 देश)
तीसरे स्थान पर: जापान (189 देश)
यूरोप की स्थिति
चौथे स्थान पर जर्मनी, इटली, स्पेन और स्विट्जरलैंड जैसे देश हैं, जो 188 देशों तक पहुंच प्रदान करते हैं। हालांकि ये देश भी शक्तिशाली हैं, लेकिन एशियाई देशों की तुलना में पीछे रह गए हैं।
भारत की रैंकिंग में गिरावट
इस वर्ष भारतीय पासपोर्ट की ताकत में थोड़ी कमी आई है। भारत 2025 की रैंकिंग में 85वें स्थान पर खिसक गया है, जबकि 2024 में यह 80वें स्थान पर था। वर्तमान में, भारतीय पासपोर्ट धारक 57 देशों में वीजा-मुक्त या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में वीजा नियमों के उदारीकरण की गति अन्य देशों की तुलना में धीमी रही है, जिससे रैंकिंग में 5 स्थानों की गिरावट आई है।
भारतीयों के लिए वीजा-मुक्त यात्रा
हालांकि रैंकिंग में गिरावट आई है, लेकिन भारतीय यात्रियों के लिए कई खूबसूरत और लोकप्रिय देश 'वीजा फ्री' या आसान एंट्री वाले हैं:
पड़ोसी देश: भूटान, नेपाल, श्रीलंका।
पर्यटन स्थल: थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, मालदीव, मॉरीशस।
मध्य पूर्व: कतर, ओमान।
अन्य: कजाकिस्तान, फिजी, बारबाडोस।
पासपोर्ट रैंकिंग का महत्व
पासपोर्ट की ताकत केवल यात्रा की स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह किसी देश की आर्थिक स्थिति, अंतरराष्ट्रीय विश्वास और राजनयिक प्रभाव का भी संकेत है। जिस देश का पासपोर्ट मजबूत होता है, उसके नागरिकों के लिए वैश्विक स्तर पर व्यापार और शिक्षा के अवसर बढ़ जाते हैं।