×

गुवाहाटी का बोरसला बील: एक प्राकृतिक धरोहर का संकट

गुवाहाटी का बोरसला बील, जो कभी प्रवासी पक्षियों का स्वर्ग था, अब गंदगी और अतिक्रमण के कारण संकट में है। यह जलाशय न केवल शहर की पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बाढ़ नियंत्रण में भी मदद करता है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि उचित देखभाल से इसे फिर से एक पर्यटन स्थल बनाया जा सकता है। लेकिन वर्तमान में, यह एक डंपिंग ग्राउंड में बदल चुका है। क्या गुवाहाटी अपने इस प्राकृतिक धरोहर को बचा पाएगा? जानें इस लेख में।
 

गुवाहाटी के बीचोंबीच बोरसला बील


गुवाहाटी के चात्रिबाड़ी में, जहां ट्रैफिक की हलचल और ऊंची इमारतों का साया है, वहां एक प्राकृतिक धरोहर धीरे-धीरे खत्म हो रही है — बोरसला बील। यह एक समय का जीवंत जलाशय था, जो प्रवासी पक्षियों की आवाजों से गूंजता था और जलीय जीवन से भरा हुआ था, लेकिन अब यह गंदगी, सीवेज, अतिक्रमण और प्रशासनिक उपेक्षा के बोझ तले दबा हुआ है।


बोरसला बील का महत्व

बोरसला बील 25 एकड़ में फैला हुआ है और गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से केवल 750 मीटर की दूरी पर स्थित है। यह चात्रिबाड़ी, रेहाबारी और पलटन बाजार के बीच स्थित है। यह कोई साधारण तालाब नहीं है, बल्कि यह भारालू नदी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। ऐतिहासिक रूप से, बोरसला एक मानसून जलाशय के रूप में कार्य करता था, जो बारिश के पानी को अवशोषित करता था और शहर को शहरी बाढ़ से बचाता था।


एक डंपिंग ग्राउंड में तब्दील

अवशिष्ट जल, प्लास्टिक कचरे और तलछट के वर्षों ने बोरसला बील को एक गंदे तालाब में बदल दिया है। वैज्ञानिक अध्ययनों में बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD), केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (COD), और कुल निलंबित ठोस पदार्थ (TSS) के स्तर अत्यधिक उच्च पाए गए हैं, जो इस जलाशय की गंभीर स्थिति को दर्शाते हैं।


रेहाबारी के निवासी अजीत डेका ने कहा, "बोरसला बील की वर्तमान स्थिति वास्तव में निराशाजनक है। यह एक समय पक्षियों और जलीय जीवन का स्वर्ग था, लेकिन अब यह कचरे का ढेर बन गया है।"


अतिक्रमण और जल हाइसीन्ट का संकट

बोरसला बील के पूर्वी हिस्से में पलटन बाजार के पास, शहर के विभिन्न हिस्सों से कचरा भूमिगत पाइपों के माध्यम से आ रहा है, जिससे एक मोटी कीचड़ की परत बन गई है। यह स्थिति जल स्तर को कम कर रही है और उस क्षेत्र में भूमि स्तर को बढ़ा रही है।


इसके अलावा, जल हाइसीन्ट का uncontrolled फैलाव भी एक गंभीर समस्या बन गया है। यह आक्रामक पौधा अक्सर बील के बड़े हिस्से को ढक लेता है, जिससे इसकी पारिस्थितिकी कार्यक्षमता बाधित होती है।


गुवाहाटी स्मार्ट सिटी मिशन का सपना

बोरसला बील को गुवाहाटी स्मार्ट सिटी मिशन के तहत एक प्रमुख परियोजना के रूप में चुना गया था। इसके लिए प्रारंभिक आवंटन ₹80 करोड़ था, जिसे बाद में ₹120 करोड़ कर दिया गया। इसमें एक 2 MLD सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP), वॉकवे और पारिस्थितिकी पुनर्स्थापन शामिल थे।


हालांकि, परियोजना में प्रगति धीमी हो गई है और अब तक केवल 65% STP पूरा हुआ है।


गुवाहाटी के wetlands का महत्व

गुवाहाटी के wetlands—बोरसला, सिलसाको, दीपोर बील—केवल दलदल नहीं हैं। ये प्राकृतिक स्पंज, कार्बन सिंक और शहर के फेफड़े हैं। ये तापमान को नियंत्रित करते हैं, बाढ़ को कम करते हैं, बारिश के पानी को संग्रहित करते हैं और जैव विविधता का समर्थन करते हैं।


यदि गुवाहाटी वास्तव में "स्मार्ट" बनना चाहता है, तो उसे अपने लोगों, पारिस्थितिकी और जल निकायों की आवाज सुननी होगी। तभी बोरसला बील एक चेतावनी की कहानी से नवीनीकरण का प्रतीक बन सकता है।