गर्मी में मिट्टी के बर्तनों का पानी: स्वास्थ्य के लिए लाभकारी उपाय
गर्मी में ठंडा पानी: एक स्वस्थ विकल्प
गर्मी की तीव्र धूप में ठंडा पानी पीना एक सुखद अनुभव होता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि फ्रिज से निकाला गया पानी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है?
इसके बजाय, मिट्टी के घड़े या सुराही में रखा पानी न केवल प्राकृतिक रूप से ठंडा होता है, बल्कि यह आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। लेकिन, मिट्टी के बर्तन का पानी पीने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह साफ हो, क्योंकि गंदे बर्तनों में बैक्टीरिया हो सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हैं।
मिट्टी के बर्तनों को साफ रखने के उपाय
नींबू और डिटर्जेंट का मिश्रण: आधी बाल्टी गर्म पानी में नींबू का रस और थोड़ा डिटर्जेंट मिलाएं। इस मिश्रण को बर्तन में डालकर ब्रश से अच्छी तरह रगड़ें और फिर साफ पानी से धो लें। यह तरीका बर्तन की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करेगा।
बेकिंग सोडा, नमक और सिरका का पेस्ट: इन तीनों को मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट बनाएं। इसे बर्तन के अंदर लगाकर कुछ मिनट के लिए छोड़ दें और फिर धो लें। इससे जमी गंदगी और दाग-धब्बे साफ हो जाएंगे।
फिटकरी का इस्तेमाल: फिटकरी एक प्राकृतिक कीटाणुनाशक है। बर्तन को पहले धोकर उसमें फिटकरी का टुकड़ा छोड़ दें। फिर रगड़कर धूप में सूखने दें। इससे बैक्टीरिया और बदबू दूर हो जाएगी।
नए मिट्टी के बर्तन का रखरखाव: नए बर्तन को इस्तेमाल से पहले 12 घंटे पानी में भिगोएँ। नमक से रगड़कर साफ करें और फिर धो लें।
मिट्टी के बर्तनों को हर 7-10 दिन में साफ करना चाहिए। भले ही बर्तन साफ दिखे, लेकिन हर 2-3 दिन में पानी बदलें। सर्वोत्तम स्वच्छता के लिए, मिट्टी के बर्तन को हर 6-7 महीने में बदलना चाहिए।
स्वस्थ जीवनशैली के लिए मिट्टी के बर्तनों का महत्व
इस गर्मी में मिट्टी के बर्तनों से ठंडा पानी पीकर अपनी सेहत का ध्यान रखें और एक स्वस्थ जीवनशैली का आनंद लें।