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उत्तर भारत में बाढ़ की स्थिति: मॉनसून ने बढ़ाई चुनौतियाँ

उत्तर भारत में मॉनसून की बारिश ने मौसम को बदल दिया है, जिससे उत्तर प्रदेश में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों में नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। फतेहपुर जिले में यातायात ठप हो गया है और 200 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं। जान-माल का नुकसान भी हो रहा है। जानें इस स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
 

मॉनसून की बारिश से बाढ़ की स्थिति

देश के विभिन्न हिस्सों में मॉनसून की शुरुआत ने मौसम को पूरी तरह से बदल दिया है। उत्तर भारत, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे कई शहरों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। संगम नगरी प्रयागराज के कई प्रमुख क्षेत्र जलमग्न हो चुके हैं, जबकि वाराणसी और अन्य स्थानों पर नदियां खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं। उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। यमुना में आई बाढ़ के कारण फतेहपुर जिले में कानपुर-बांदा मार्ग पर यातायात पूरी तरह से बाधित हो गया है। किशुनपुर-दांदो यमुना पुल का संपर्क मार्ग टूट जाने से इस मार्ग से आवागमन भी बंद हो गया है। अब तक 200 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं और हजारों एकड़ फसलें नष्ट हो चुकी हैं। नदियों के तेज बहाव के कारण कई लोगों की जान भी जा चुकी है।