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उत्तर प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान ने बनाया नया रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश ने वृक्षारोपण अभियान 2025 के तहत 37.21 करोड़ पौधे लगाकर नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। वाराणसी मंडल में 1.81 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जिसका उद्देश्य राज्य के वन क्षेत्र को बढ़ाना है। इस अभियान के तहत पिछले आठ वर्षों में 240 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। जानें इस अभियान की सफलता और पौधों की बचे रहने की दर के बारे में।
 

वाराणसी मंडल में वृक्षारोपण की सफलता

वाराणसी मंडल, जिसमें वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर और चंदौली जिले शामिल हैं, ने वृक्षारोपण अभियान 2025 के तहत 1.81 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य हासिल किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश के वन क्षेत्र को बढ़ाना है, जो वर्तमान में लगभग 25% है, और इसे 33% तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।


सरकार का नया रिकॉर्ड

उत्तर प्रदेश सरकार ने बृहस्पतिवार को ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ के तहत 37.21 करोड़ से अधिक पौधे लगाने का दावा किया है, जिससे एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है। राज्य सरकार के अनुसार, उत्तर प्रदेश ‘हीट वेव’ से ‘ग्रीन वेव’ की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इस दिशा में पौधरोपण महाभियान के तहत इस वर्ष 37.21 करोड़ पौधों का रोपण किया गया है।


पौधरोपण महाभियान की प्रगति

पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश में चल रहे पौधरोपण महाभियान के तहत अब तक 240 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। वाराणसी में एक बड़े वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश के मंत्री रवींद्र जायसवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य और एमएलसी धर्मेंद्र सिंह ने पीपल, बरगद और नीम के पेड़ लगाए। इस कार्यक्रम के साथ राज्यव्यापी 37 करोड़ पौधे लगाने की पहल की शुरुआत हुई।


पौधों की बचे रहने की दर

वन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 से 2024-25 तक लगाए गए पौधों की बचे रहने की दर लगभग 86.67 प्रतिशत है। इस अभियान के कारण राज्य में हरित आवरण और ‘फॉरेस्ट कार्बन स्टॉक’ में भी राष्ट्रीय औसत से अधिक वृद्धि देखी गई है। वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में पौधों की बचे रहने की दर 76.87 प्रतिशत, 2022-23 में 83.73 प्रतिशत, 2023-24 में 90.04 प्रतिशत और 2024-25 में 96.06 प्रतिशत दर्ज की गई है।