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सोने की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, दशहरा पर ज्वेलरी बिक्री में 25% की कमी

सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि ने आम आदमी के लिए ज्वेलरी खरीदना मुश्किल बना दिया है। दशहरा पर ज्वेलरी की बिक्री में 25% की कमी आई है, जो पिछले साल की तुलना में काफी कम है। इस लेख में जानें कि कैसे बढ़ती कीमतें उपभोक्ताओं की खरीदारी की आदतों को प्रभावित कर रही हैं और लोग अब सोने को निवेश के रूप में देख रहे हैं।
 

सोने की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि

हाल के वर्षों में सोने की कीमतों में इतनी तेजी आई है कि अब आम आदमी के लिए ज्वेलरी खरीदना मुश्किल हो गया है। दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों के बावजूद, ज्वेलरी की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है।


बिक्री में गिरावट का आंकड़ा

गोल्ड की कीमतें पिछले कुछ समय से आसमान छू रही हैं। उद्योग निकाय इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, इस दशहरे में सोने की बिक्री 25% घटकर 18 टन रह गई है।


दशहरे पर सोने की कीमत

गुरुवार को मनाए गए दशहरे पर सोने का रिटेल प्राइस 1.16 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम रहा, जो पिछले साल के 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से 48% अधिक है। उपभोक्ताओं को सर्राफा बाजार के मूल्य के अलावा 3% वस्तु एवं सेवा कर (GST) भी चुकाना होगा।


उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताएँ

IBJA के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस साल की बिक्री में कमी आई है। हालांकि, उपभोक्ता आगामी धनतेरस, दिवाली और शादी के मौसम के लिए ऑर्डर दे रहे हैं।


सोने और चांदी की मांग

सोने की अदला-बदली ज्‍यादा
इस दशहरे पर सोने और चांदी के सिक्कों की मांग में वृद्धि हुई है, क्योंकि लोग इन्हें निवेश के रूप में खरीद रहे हैं। 5 ग्राम के सोने के सिक्के अधिक बिक रहे हैं।
सोने की छड़ों की डिमांड
दक्षिण भारत में, ज्वैलर्स ने त्योहारी सीज़न के दौरान सोने की बिक्री में कमी की सूचना दी है।
आम आदमी की पहुंच से बाहर सोना?
पिछले एक साल में सोने की कीमतें 80,000 से 1 लाख के पार पहुंच गई हैं, जिससे यह आम आदमी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है।