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सिरदर्द से राहत पाने के लिए बाबा रामदेव के योगासन

सिरदर्द एक आम समस्या है, जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। बाबा रामदेव के अनुसार, कुछ सरल योगासन जैसे भ्रामरी, अनुलोम-विलोम, शीतली और शीतकारी सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। ये आसन न केवल सिरदर्द को कम करते हैं, बल्कि मानसिक शांति और बेहतर रक्त संचार भी प्रदान करते हैं। इसके साथ ही, पर्याप्त नींद, पानी का सेवन और तनाव से बचने के उपाय भी महत्वपूर्ण हैं। जानें इन आसनों के लाभ और कैसे इन्हें सही तरीके से किया जाए।
 

सिरदर्द की समस्या और योगासन

बाबा रामदेवImage Credit source: PTI Photo

कई व्यक्तियों को सिरदर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। लगातार सिरदर्द रहना माइग्रेन या उच्च रक्तचाप जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। बाबा रामदेव द्वारा सुझाए गए कुछ सरल योगासन सिरदर्द से राहत दिलाने में काफी प्रभावी हो सकते हैं। ये आसन न केवल सिरदर्द में आराम देते हैं, बल्कि मानसिक शांति, बेहतर रक्त संचार और तनाव में कमी भी लाते हैं। नियमित रूप से इन आसनों का अभ्यास करने से शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में वृद्धि होती है।

सिरदर्द के कई कारण हो सकते हैं। तनाव और नींद की कमी सबसे सामान्य कारण हैं। लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर देखना, आंखों पर दबाव डालना और पानी की कमी भी सिरदर्द को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, अधिक कैफीन या जंक फूड का सेवन, तेज आवाज़ों या रोशनी के संपर्क में रहना, गर्दन और कंधों में जकड़न या गलत मुद्रा में बैठना भी सिरदर्द का कारण बन सकता है। कभी-कभी मौसम में बदलाव, हार्मोनल असंतुलन और रक्तचाप की समस्याएं भी सिरदर्द को ट्रिगर कर सकती हैं.


सिरदर्द से राहत के लिए प्रभावी आसन

भ्रामरी

बाबा रामदेव के अनुसार, भ्रामरी आसन सिरदर्द और माइग्रेन के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसे करते समय गहरी सांस लेकर मधुमक्खी जैसी ध्वनि निकालें। इससे मस्तिष्क को शांति मिलती है और तनाव कम होता है.

अनुलोम-विलोम

अनुलोम-विलोम, जिसे नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है, यह शरीर में ऑक्सीजन का संचार बढ़ाता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है। यह मानसिक थकान और दबाव को कम करने में मदद करता है.

शीतली

इस आसन में जीभ को ट्यूब की तरह गोल करके मुंह से सांस ली जाती है और नाक से छोड़ी जाती है। इससे शरीर का तापमान कम होता है और तनाव में कमी आती है.

शीतकारी

इसमें दांतों को हल्का खोलकर उनके बीच से सांस ली जाती है और नाक से छोड़ी जाती है। इससे भी शरीर को ठंडक और दिमाग को सुकून मिलता है.

इन आसनों का अभ्यास सुबह खाली पेट या शाम को शांत वातावरण में करना सबसे अच्छा होता है। शुरुआत में 5-10 मिनट से शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। नियमित अभ्यास से सिरदर्द में काफी सुधार देखा जा सकता है.


सिरदर्द से बचने के उपाय

इन बातों का ध्यान रखें

पर्याप्त नींद लें और रात में देर तक जागने से बचें.

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं.

तनाव से बचने का प्रयास करें.

मोबाइल या लैपटॉप का अधिक उपयोग न करें.

संतुलित और हल्का भोजन करें.

तेज़ आवाज़ या रोशनी से दूरी बनाएं.

योग के साथ ध्यान भी करें.