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शरद पवार ने पत्रकारिता के अनुभव साझा किए, बाल ठाकरे के साथ पत्रिका शुरू करने की कोशिश का किया जिक्र

राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने पत्रकारिता के अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने और बाल ठाकरे ने एक मासिक पत्रिका शुरू करने का प्रयास किया था, जो सफल नहीं हो सका। उन्होंने पत्रकारिता के महत्व और लोकतंत्र में इसके योगदान पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मधुकर भावे को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। जानें इस दिलचस्प कार्यक्रम के बारे में और क्या कुछ कहा गया।
 

पत्रकारिता के प्रति शरद पवार का दृष्टिकोण

राकांपा (एसपी) के नेता शरद पवार ने बुधवार को पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने एक मासिक पत्रिका शुरू करने का प्रयास किया था, जो सफल नहीं हो सका।


पवार (80) ने यह बात अखिल भारतीय मराठी पत्रकार परिषद द्वारा आयोजित एक समारोह में कही, जहां पत्रकारों के योगदान को सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा, 'मेरा पत्रकारिता से कुछ संबंध रहा है। यदि हमारा प्रयास सफल होता, तो शायद हम आज इस परिषद के सम्मान के योग्य होते।'


पवार ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, 'दिवंगत बालासाहेब ठाकरे, मैंने और मेरे कुछ मित्रों ने एक बार एक पत्रिका की शुरुआत की थी, जिसमें प्रत्येक ने 5,000 रुपए का योगदान दिया था। हमारा उद्देश्य इसे अंग्रेजी टाइम पत्रिका की तरह लॉन्च करना था। हमने पहले अंक को इस उम्मीद के साथ जारी किया कि यह बहुत लोकप्रिय होगा, लेकिन उसके बाद वह अंक कभी नहीं देखा गया।'


उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारिता एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। पुरस्कार विजेताओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि आप पत्रकारिता के मूल्यों को बनाए रखते हुए लोकतंत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे।'


इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार मधुकर भावे को बालशास्त्री जम्भेकर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया, जबकि भरत जाधव को विशेष सम्मान दिया गया।