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वंदना: दिव्यांगता के बावजूद सोशल मीडिया स्टार बनने की प्रेरणादायक कहानी

वंदना की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है, जिसने अपनी शारीरिक कमी को अपने सपनों के रास्ते में नहीं आने दिया। गुजरात के राजकोट की रहने वाली वंदना, जो 80% दिव्यांग है, ने अपनी फोटोकॉपी की दुकान से आत्मनिर्भरता हासिल की है। वह सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की बड़ी प्रशंसक हैं और उन्हें पत्र लिखती हैं, जिनका जवाब भी मिलता है। जानें कैसे उसकी मां ने उसे हर कदम पर समर्थन दिया और वंदना ने समाज में अपनी पहचान बनाई।
 

एक अद्वितीय कहानी


कई बार, शारीरिक कमी के कारण व्यक्ति को समाज में हीन भावना का सामना करना पड़ता है, जो कि ईश्वर का अपमान है। इंसान को बनाने वाला ईश्वर ही है, और जब लोग किसी दिव्यांग व्यक्ति का मजाक उड़ाते हैं, तो वे वास्तव में ईश्वर का अपमान करते हैं। आज हम एक ऐसी लड़की की कहानी साझा कर रहे हैं, जिसने अपनी शारीरिक कमी को अपने सपनों के रास्ते में नहीं आने दिया और अब वह सोशल मीडिया पर एक स्टार बन चुकी है। खास बात यह है कि सदी के महानायक अमिताभ बच्चन भी उसे पत्र लिखते हैं। आइए जानते हैं इस कहानी के बारे में।


वंदना की प्रेरणा

राजकोट, गुजरात की रहने वाली वंदना दिव्यांग है, लेकिन वह समाज में अपनी भूमिका निभाने में पीछे नहीं है। वह अमिताभ बच्चन की बड़ी प्रशंसक है और उन्हें लगातार पत्र लिखती रहती है। वंदना के पत्रों का जवाब खुद बच्चन परिवार देता है, और अमिताभ बच्चन भी समय-समय पर उसे पत्र लिखते हैं, क्योंकि वे उसके कार्यों से प्रभावित हैं।


शारीरिक चुनौतियों के बावजूद आगे बढ़ना


वंदना का 80 प्रतिशत शरीर काम नहीं करता, फिर भी वह अपने जीवन को आगे बढ़ाने में सक्षम है। वह राजकोट जिले के जेतपुर में एक फोटोकॉपी की दुकान चलाती है, जिससे वह अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। वंदना अपने पैरों से कंप्यूटर और अन्य उपकरणों का संचालन करती है, और जब भी कोई समस्या आती है, उसकी मां उसकी मदद करती हैं। वंदना ने बीकॉम तक की पढ़ाई की है।


मां का समर्थन

वंदना की सफलता के पीछे उसकी मां का बड़ा हाथ है। उसकी मां ने हमेशा उसका साथ दिया और उसे आत्मनिर्भर बनने में मदद की। वंदना ने समाज में अपनी पहचान बनाने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन उसकी मां ने हमेशा उसे प्रेरित किया। आज वह अपनी जिंदगी को स्वतंत्रता से जी रही है।


अमिताभ बच्चन की प्रशंसा


वंदना की मां बताती हैं कि उनकी बेटी अमिताभ बच्चन की बहुत बड़ी प्रशंसक है। वह उन्हें पत्र लिखती है और अमिताभ बच्चन भी उसका हालचाल पूछते हैं। एक बार, वंदना घंटों धूप में खड़ी रही ताकि वह अमिताभ बच्चन से मिल सके, लेकिन बेहोश हो गई। उसकी मां कहती हैं कि वंदना की ख्वाहिश है कि वह अपने जीवन में एक बार अमिताभ बच्चन से मिले।