राज कुमार की यादगार गाने: उनकी पुण्यतिथि पर विशेष
राज कुमार की पुण्यतिथि पर, हम उनके कुछ सबसे यादगार गानों पर नजर डालते हैं। इन गानों में उनकी अदाकारी और संगीत की गहराई को दर्शाया गया है। जानें कैसे राज कुमार ने अपने गानों के माध्यम से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। इस लेख में हम उनके कुछ बेहतरीन गानों का जिक्र करेंगे, जो आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
Jul 3, 2025, 15:07 IST
राज कुमार के गाने जो दिल को छू लेते हैं
- नीले गगन के तले (हमराज): राज कुमार की कठोर छवि अक्सर उनकी गायकी में बाधा डालती थी। बहुत कम लोग जानते हैं कि यह महेंद्र कपूर का सदाबहार गाना राज कुमार पर फिल्माया गया था, लेकिन उन्होंने इसे लिप-सिंक नहीं किया। यह गाना बैकग्राउंड में था जब आरके ने विमी को लुभाने की कोशिश की। अजीब बात यह है कि सुनील दत्त, जिनकी भी माचो छवि थी, ने कई गानों को लिप-सिंक किया।
- ये दुनिया ये महफिल (हीर रांझा): खुशकिस्मती से, निर्देशक चेतन आनंद ने आरके को इस मोहम्मद रफी-मदन मोहन के गाने को लिप-सिंक करने की अनुमति दी, जिसका गहरा प्रभाव पड़ा। यह गाना दिल टूटने के विचारों से भरा हुआ है।
- हिया जारत रात दिन (गोदान): यह हर दिन नहीं होता कि किसी अभिनेता को भारत रत्न पंडित रवि शंकर द्वारा रचित गाने को लिप-सिंक करने का मौका मिले। मुकेश ने इस 'अनसुने' रत्न को आवाज दी, जबकि राज कुमार ने इसे आत्मा दी।
- ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए (काजल): राज कुमार इस खूबसूरत गज़ल में दर्शकों का दिल जीतने में सफल रहे, जिसमें उनकी प्रशंसा का विषय हेलेन द्वारा निभाई गई मोहक मुजरेवाली थी। रफी साहब ने इसे अपने पसंदीदा गानों में से एक माना।
- किस तरह जीते हैं लोग (नई रोशनी): आप कभी राज कुमार को स्क्रीन पर हल्के-फुल्के गाने गाते नहीं देखेंगे। यह चिंतनशील रचना अभिनेता की गंभीर छवि को दर्शाती है।
- तुझको पुकारे मेरा प्यार (नील कमल): इस गाने में मोहम्मद रफी ने भूत की आवाज के विचार को पूरी तरह से नया रूप दिया। राज कुमार ने एक भूत की भूमिका निभाई, जो कई जीवनों में वहीदा रहमान को लुभा रहा था।
- जो गुजर रही है मुझ पर (मेरे हजूर): एक अत्यंत भावुक गाना, जिसे फिर से रफी साहब ने गाया और राज कुमार की पीड़ित उपस्थिति में प्रदर्शित किया। राज कुमार ने पारंपरिक रोमांटिक गाने की दिनचर्या से खुद को अलग रखा।
- हर तरफ बस यही अफसाने हैं (हिंदुस्तान की कसम): एक फिल्म में जो लता जी के बेहतरीन गानों में से एक 'है तेरे साथ मेरी वफा' को शामिल करती है, उसमें अलग दिखना आसान नहीं था। लेकिन मन्ना डे ने सुनिश्चित किया कि राज कुमार अपने उदास छवि से बाहर निकलें और इस मनमोहक मदन मोहन धुन में एक रोमांटिक हीरो के रूप में प्रस्तुत हों।
- जाओ जाओ तुम भी जाओ (दिल का राजा): यह एक गाना नहीं है, यह एक चेतावनी है! इस रफी नंबर में, राज कुमार को एक अकेले व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो किसी पर निर्भर नहीं है और किसी से कुछ नहीं चाहता। यह अभिनेता का सिग्नेचर ट्यून है।
- सिमटी हुई ये घड़ियाँ (चंबल की कसम): राज कुमार और मौसमी चटर्जी का यह अजीब रोमांटिक जोड़ा इस खूबसूरत खय्याम नंबर को लता जी और रफी साहब की बेहतरीन आवाज में गाते हुए… अद्भुत है!