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राज कपूर: जब एक अभिनेता को समझा गया सिंगर

राज कपूर की कहानी एक दिलचस्प मोड़ लेती है जब उन्हें रूस में एक सिंगर के रूप में पहचाना गया। उनकी फिल्म 'आवारा' के गाने इतनी लोकप्रिय हो गए कि दर्शकों ने उन्हें गायक मान लिया। जानें कैसे उन्होंने इस गलतफहमी को दूर किया और संगीत के प्रति अपने प्रेम को दर्शाया। राज कपूर की कला आज भी भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
 

राज कपूर की अनोखी कहानी

बॉलीवुड के प्रतिष्ठित सितारे राज कपूर की एक दिलचस्प कहानी है, जो दर्शाती है कि उनकी कला और प्रतिभा कितनी अद्भुत थी। खासकर उनकी फिल्म 'आवारा' के रूस में रिलीज होने पर, दर्शकों ने उन्हें एक बेहतरीन गायक मान लिया।


गलतफहमी का कारण

फिल्म 'आवारा' के गाने रूस में इतनी लोकप्रियता हासिल कर चुके थे कि दर्शक न केवल फिल्म के संवादों के दीवाने हो गए, बल्कि उन्होंने राज कपूर को गायक के रूप में भी पहचान लिया। उस समय सोवियत संघ और यूरोप में म्यूजिकल ड्रामा का चलन था, जिसमें कलाकार एक साथ अभिनय और गायन करते थे। इस कारण रूस के दर्शकों ने राज कपूर को एक सिंगर के रूप में स्वीकार कर लिया।


राज कपूर की प्रतिक्रिया

जब राज कपूर रूस में फिल्म का प्रचार करने गए, तो हर जगह उनसे गाने की मांग की गई। उन्होंने बार-बार बताया कि वे केवल अभिनेता हैं और गाने उनके लिए गाए जाते हैं, लेकिन दर्शक उनकी बात मानने को तैयार नहीं थे।


गलतफहमी को दूर करने की कोशिश

राज कपूर ने अपनी अगली यात्रा में एक सिंगर को साथ लाने का निर्णय लिया, ताकि लोग असली आवाज सुन सकें। उन्होंने प्रदर्शन करके यह साबित किया कि वे केवल अभिनय करते हैं और गाने के दौरान लिप-सिंक करते हैं। इससे दर्शकों की गलतफहमी दूर हुई।


संगीत के प्रति उनका प्रेम

राज कपूर केवल एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि संगीत के प्रति उनकी गहरी रुचि भी थी। वे अक्सर संगीतकारों के साथ बैठकर गानों की रचना में भाग लेते थे। उनकी लिप-सिंकिंग इतनी प्रभावशाली थी कि दर्शकों को लगता था जैसे वे सच में गा रहे हों।


‘दत्ता ठेका’ की कहानी

राज कपूर के संगीत प्रेम का एक उदाहरण 'परवरिश' फिल्म के गाने 'मस्त भरा है समां' के दौरान देखने को मिला। उस समय उनके दिमाग में एक धुन थी, 'धीत्ता धीत्ता धीतॄ धा', जिससे प्रेरित होकर संगीतकार दत्ताराम वाडकर ने एक ठेका बनाया, जो बाद में 'दत्ता ठेका' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।


निष्कर्ष

रूस के दर्शकों ने राज कपूर को सिंगर समझने का कारण उनका अद्भुत टैलेंट और संगीत के प्रति गहरा लगाव था। उनकी कला न केवल उनके लिए, बल्कि भारतीय सिनेमा के लिए भी गर्व का विषय रही है। आज भी उनके गाने और अभिनय की मिसालें बॉलीवुड के इतिहास में जीवित हैं।


राज कपूर की विरासत

राज कपूर — एक अभिनेता, संगीत प्रेमी और पर्दे के उस सितारे की कहानी, जिसने संगीत और अभिनय में ऐसा जादू किया कि दूर रूस तक लोग उन्हें कलाकार नहीं, बल्कि उनके गानों का सिंगर मान बैठे!