यूनिवर्सिटीज ने लौटाई 37 करोड़ रुपये की फीस, जानें कैसे करें शिकायत
यूनिवर्सिटी फीस रिफंड का मामला
यूजीसी के हैं नियम
यूनिवर्सिटी फीस रिफंड: स्टूडेंट्स की फीस वापस न करने के मामले में हाल ही में एक महत्वपूर्ण अपडेट आया है। देशभर की यूनिवर्सिटीज ने मिलकर 37 करोड़ रुपये से अधिक की फीस वापस की है। इस रिफंड में प्राइवेट और डीम्ड यूनिवर्सिटीज की संख्या अधिक है, जबकि इनसे फीस न लौटाने की शिकायतें भी आम हैं।
आइए जानते हैं कि यह मामला क्या है? यूनिवर्सिटीज ने किस अवधि में स्टूडेंट्स की फीस लौटाई है? और यदि किसी स्टूडेंट की फीस वापस नहीं की जा रही है, तो वह कहां शिकायत कर सकता है?
मामले का विवरण
यह मामला उन स्टूडेंट्स की फीस न लौटाने से संबंधित है, जिन्होंने सेशन शुरू होने पर फीस जमा की थी। जब स्टूडेंट्स को अन्य कोर्स या यूनिवर्सिटी में एडमिशन का अवसर मिलता है, तो वे अपना एडमिशन बदल लेते हैं। यूजीसी के नियमों के अनुसार, यदि कोई स्टूडेंट 30 सितंबर तक एडमिशन रद्द करता है, तो उसे पूरी फीस वापस मिलनी चाहिए, और 31 अक्टूबर तक एडमिशन शिफ्ट करने पर भी फीस लौटाई जानी चाहिए।
पिछले 5 वर्षों में रिफंड
पिछले 5 वर्षों में, यूनिवर्सिटीज ने स्टूडेंट्स को 37 करोड़ रुपये से अधिक की फीस वापस की है। इसमें 2020-21 सेशन की 18.26 लाख, 2021-22 की 46 लाख, 2022-23 की 10.48 करोड़, 2023-24 की 13.11 करोड़, 2024-25 की 9.4 करोड़ और 2025 में 1.67 करोड़ रुपये शामिल हैं।
UGC की सख्ती का प्रभाव
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने समय-समय पर यूनिवर्सिटीज को फीस लौटाने के लिए अल्टीमेटम जारी किया है। माना जा रहा है कि UGC की सख्ती के कारण ही यूनिवर्सिटीज ने स्टूडेंट्स की फीस लौटाई है।
शिकायत कैसे करें?
यूजीसी के नियमों के अनुसार, एडमिशन के बाद 31 अक्टूबर तक एडमिशन शिफ्ट करने पर पुरानी यूनिवर्सिटी को फीस लौटानी होती है। पुरानी यूनिवर्सिटी केवल 1000 रुपये की फीस काट सकती है। यदि कोई यूनिवर्सिटी इस नियम का पालन नहीं कर रही है, तो स्टूडेंट्स को पहले यूनिवर्सिटी में लिखित शिकायत करनी चाहिए। यदि यूनिवर्सिटी फीस लौटाने से मना कर दे, तो इसकी शिकायत UGC से की जा सकती है। शिकायत यहां ऑनलाइन दर्ज कराई जा सकती है।
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