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यामी गौतम की अदाकारी ने इमरान हाशमी को पीछे छोड़ दिया: फिल्म HAQ में 5 महत्वपूर्ण पल

फिल्म HAQ में यामी गौतम ने अपने अद्भुत अभिनय से दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस फिल्म में उन्होंने शाजिया बानो का किरदार निभाया है, जो अपने पति और वकील के खिलाफ खड़ी होती हैं। यामी की अदाकारी ने इमरान हाशमी को भी पीछे छोड़ दिया है। जानें इस फिल्म में यामी के 5 महत्वपूर्ण पलों के बारे में, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करते हैं।
 

यामी गौतम ने जीता दर्शकों का दिल

यामी ने फिल्म में अपने अभिनय से सबका दिल जीत लिया है।

HAQ: तलाक, तलाक, तलाक… क्या यह कहानी यहीं से शुरू होती है?? शायद कई दर्शकों का जवाब होगा ‘हां’। लेकिन मेरा उत्तर ‘नहीं’ है। यामी गौतम और इमरान हाशमी की HAQ कई सवाल उठाती है। जिनके उत्तर फिल्म में मिलेंगे, लेकिन कुछ उत्तर हमें खुद खोजने पड़ते हैं। यह फिल्म महिलाओं के अधिकारों पर जोर देती है। चाहे वह पत्नी बेगम से पहली बेगम बन जाए, या पति द्वारा झूठ बोलकर दूसरी शादी करने पर। यह कहानी शाजिया बानो की है, जिसे यामी ने निभाया है। वह अपने पति और वकील अब्बास खान (इमरान खान) के खिलाफ आवाज उठाती है। अपने बच्चों के मुआवजे के लिए कोर्ट में जाती है और जज से ऐसा सवाल पूछती है, जो सोचने पर मजबूर करता है।

यामी गौतम ने फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहां उनके सामने इमरान हाशमी हैं। जो खुद एक बेहतरीन एक्टर हैं। जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट में बोलते हुए दिखाया गया, तो वह दृश्य बहुत प्रभावशाली था। लेकिन यामी ने अपने किरदार को इतनी खूबसूरती से निभाया कि इमरान भी उनके सामने फीके पड़ गए।

यामी गौतम ने 5 चरणों में जीता सबका दिल

1. पहला चरण: यहां वह शाजिया बानो के रूप में नजर आती हैं, जब वह नई शादी के बाद अब्बास खान के घर आती हैं। वह कुछ नया करने की कोशिश करती हैं, लेकिन पति को यह पसंद नहीं आता। इस चरण में यामी ने अपने किरदार को बड़ी शांति और सरलता से निभाया। उनका अभिनय एक ही धारा में चलता रहा।

2. दूसरा चरण: इस चरण में अब्बास खान की दूसरी पत्नी की एंट्री होती है। यामी की एक्टिंग इस समय एक नई ऊंचाई पर पहुंच जाती है, जब वह पति की सच्चाई के बारे में जानकर बिना डर के सवाल करती हैं।

3. तीसरा चरण: जब शाजिया ने सब कुछ भुलाकर पहली बेगम बनने का निर्णय लिया। यामी की एक्टिंग में दो अलग-अलग रंग दिखते हैं। एक रंग, जब वह पति से फिल्म देखने की गुजारिश करती हैं, और दूसरा रंग, जब वह अपने बच्चों के साथ चुपचाप घर लौट जाती हैं।

4. चौथा चरण: यहां शाजिया को गद्दार करार दिया जाता है, लेकिन वह रुकती नहीं हैं। यामी के चेहरे पर दर्द और तकलीफ का अहसास होता है। वह अपने तरीके से जज के सामने अपनी बात रखने की कोशिश करती हैं।

5. पांचवां चरण: जब यामी गौतम शाह बानो बनकर सुप्रीम कोर्ट में अपनी बात रखती हैं। उनका यह दृश्य फिल्म का सबसे बेहतरीन हिस्सा है। यामी ने शाह बानो की छवि को बड़े पर्दे पर बखूबी उतारा है।