मतदाता सूची में नाम कटने पर नागरिकता पर चिंता नहीं, चुनाव आयोग के निर्देश
मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया का महत्व
एसआईआर की प्रक्रिया.
देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision SIR) का कार्य तेजी से चल रहा है। इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए अलग से बीएलओ (BLO) नियुक्त किए गए हैं, जो मतदाताओं के घर जाकर गणना प्रपत्र (Enumeration Form) की दो प्रतियां वितरित कर रहे हैं, जिन्हें मतदाताओं को भरकर वापस जमा करना है।
हालांकि, इस प्रक्रिया के आरंभ होने पर लोगों में यह चिंता उत्पन्न हो गई है कि यदि उनका नाम वोटर लिस्ट से कट जाता है, तो क्या वे फिर से इसे शामिल करवा सकेंगे? क्या इससे उनकी नागरिकता पर कोई प्रभाव पड़ेगा? आइए जानते हैं चुनाव आयोग के निर्देश इस विषय में क्या हैं।
चुनाव आयोग के निर्देश
नागरिकता को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट में SIR प्रक्रिया पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि एसआईआर प्रक्रिया और नागरिकता एक-दूसरे से अलग हैं। यदि किसी व्यक्ति का मतदाता सूची में पंजीकरण नहीं हो पाता है, तो उसकी नागरिकता समाप्त नहीं होगी। इसका मतलब है कि मतदाता सूची में नाम न होना नागरिकता समाप्त करने का आधार नहीं है।
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि संविधान और कानून के अनुसार, चुनाव आयोग को नागरिकता से संबंधित दस्तावेज मांगने का अधिकार है, ताकि लोगों को वोट देने का अधिकार मिल सके।
नाम कटने पर पुनः शामिल होने की प्रक्रिया
नाम कट गया तो क्या फिर वोटर लिस्ट में शामिल करवा पाएंगे?
लोगों में यह भी आशंका है कि यदि SIR के दौरान उनका नाम मतदाता सूची से कट जाता है, तो क्या वे फिर से इसे जोड़ सकेंगे? चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि एसआईआर प्रक्रिया केवल मतदाता सूची के शुद्धिकरण के लिए है। इसका उद्देश्य योग्य नागरिकों का नाम जोड़ना और अवांछित नाम हटाना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी का नाम SIR प्रक्रिया में शामिल नहीं होता है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। सामान्य प्रक्रिया के तहत भी वे अपना नाम जोड़ सकते हैं।
महत्वपूर्ण तिथियाँ और प्रक्रिया
अब फॉर्म भरने के बचे हैं केवल 11 दिन
चुनाव आयोग ने गणना प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि 4 दिसंबर निर्धारित की है। अब इसमें केवल 11 दिन बचे हैं। आयोग का दावा है कि अधिकांश मतदाताओं को फॉर्म वितरित कर दिए गए हैं।
यदि किसी वोटर का नाम 2002 या 2003 की मतदाता सूची में है, तो उसे फॉर्म के दाहिनी साइड वाले कॉलम को भरना होगा।
ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया
ऑनलाइन भी भर सकते हैं फॉर्म
यदि मतदाता का नाम 2002 या 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, तो उसे अपने माता-पिता या दादा-दादी का नाम फॉर्म में भरना होगा। इसके बाद फॉर्म जमा करना होगा। बीएलओ को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा।
यदि बीएलओ घर पर नहीं मिलते हैं, तो वे तीन बार आएंगे और कोई भी सदस्य फॉर्म भर सकता है। जो लोग घर से बाहर हैं, वे भी ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं।
2002 के वोटर लिस्ट में नाम न होने पर क्या करें
2002 के वोटर लिस्ट में नहीं है नाम, तो करें ये काम
यदि किसी के परिवार के सदस्य का नाम SIR की 2002 या 2003 की मतदाता सूची में नहीं है, तो वह भी Enumeration Form भर सकता है। इसके बाद जिला निर्वाचन कार्यालय नोटिस करेगा और सुनवाई होगी।
बीएलओ का कार्य पूरा होने के बाद चुनाव आयोग ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी करेगा। मतदाता ऑनलाइन चेक कर सकते हैं कि उनका नाम है या नहीं। यदि नाम नहीं है, तो वे शिकायत दर्ज कर सकते हैं।