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मंदाकिनी: फिल्मी करियर से लेकर विवादों तक की कहानी

मंदाकिनी, जो 1985 में 'राम तेरी गंगा मैली' के बोल्ड सीन से रातोंरात स्टार बनीं, ने अपने करियर में कई हिट फ़िल्में दीं। हालांकि, अचानक गुमनामी में चली गईं, उनके नाम दाऊद इब्राहिम के साथ जुड़े विवादों ने भी उन्हें चर्चा में रखा। जानें उनके करियर के उतार-चढ़ाव और वापसी की इच्छा के बारे में।
 

मंदाकिनी का बोल्ड अवतार


1985 में प्रदर्शित फ़िल्म 'राम तेरी गंगा मैली' में अपने बोल्ड दृश्यों के कारण मंदाकिनी ने रातोंरात लोकप्रियता हासिल की। इस फ़िल्म के बाद, उन्होंने अपने छह साल के करियर में कई ऐसी फ़िल्में कीं, जिन्होंने दर्शकों को दीवाना बना दिया।


गुमनामी का रहस्य

हालांकि, मंदाकिनी का अचानक गुमनाम हो जाना कई सवाल खड़े करता है। उनका जन्म 30 जुलाई, 1969 को हुआ था, और हाल ही में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की इच्छा जताई है।


फिल्म से मिली पहचान

मंदाकिनी को बचपन से ही अभिनय में रुचि थी, लेकिन उन्हें सही मौके नहीं मिले। 'राम तेरी गंगा मैली' से पहले, उन्हें तीन फिल्म निर्माताओं ने रिजेक्ट कर दिया था। रंजीत विर्क ने उनका नाम यास्मीन से बदलकर माधुरी रखा और उन्हें 'मजलूम' के लिए साइन किया। लेकिन राज कपूर की नजर उन पर पड़ी और उन्होंने उन्हें 'राम तेरी गंगा मैली' के लिए साइन किया। यह फ़िल्म एक बड़ी हिट साबित हुई, जिसमें मंदाकिनी के बोल्ड सीन ने दर्शकों को चौंका दिया।


विवादों में नाम

मंदाकिनी केवल फ़िल्मों के लिए ही नहीं, बल्कि विवादों के लिए भी जानी जाती हैं। दाऊद इब्राहिम के साथ उनके अफेयर की अफवाहों ने उन्हें सुर्खियों में रखा। अच्छी फ़िल्में न मिलने के कारण, उन्होंने 1996 में अभिनय से संन्यास ले लिया, और उनकी आखिरी फ़िल्म 'ज़ोरदार' थी।