मंदाकिनी: फिल्मी करियर से गायब होने की कहानी और वापसी की इच्छा
मंदाकिनी की फिल्मी यात्रा
1985 में प्रदर्शित फ़िल्म 'राम तेरी गंगा मैली' में अपने बोल्ड दृश्यों के कारण मंदाकिनी ने रातोंरात लोकप्रियता हासिल की। इस फ़िल्म के बाद, उन्होंने अपने छह साल के करियर में कई ऐसी फ़िल्में कीं, जिन्होंने दर्शकों को दीवाना बना दिया।
हालांकि, इसके बाद मंदाकिनी का अचानक गुमनाम हो जाना कई सवाल खड़े करता है। उनका जन्म 30 जुलाई, 1969 को हुआ था, और हाल ही में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में वापसी की इच्छा व्यक्त की है।
फिल्म से मिली पहचान
मंदाकिनी को बचपन से ही अभिनय में रुचि थी, लेकिन उन्हें सही मौके नहीं मिले। 'राम तेरी गंगा मैली' से पहले, उन्हें तीन फिल्म निर्माताओं ने रिजेक्ट कर दिया था। रंजीत विर्क ने उनका नाम यास्मीन से बदलकर माधुरी रखा और उन्हें 'मजलूम' के लिए साइन किया। लेकिन राज कपूर की नजर उन पर पड़ी, जब वह केवल 22 साल की थीं।
राज कपूर ने उन्हें 'राम तेरी गंगा मैली' के लिए साइन किया, जो एक बड़ी हिट साबित हुई। इस फ़िल्म में झरने के नीचे उनके बोल्ड सीन ने दर्शकों को चौंका दिया।
विवादों में नाम
मंदाकिनी केवल अपनी फ़िल्मों के लिए ही नहीं, बल्कि विवादों के लिए भी जानी जाती रहीं। दाऊद इब्राहिम के साथ उनके अफेयर की अफवाहों ने भी उन्हें सुर्खियों में रखा। अच्छी फ़िल्में न मिलने के कारण, उन्होंने 1996 में अभिनय से संन्यास ले लिया, और उनकी आखिरी फ़िल्म 'ज़ोरदार' थी।