भिखारी ने दिखाया मानवता का उदाहरण, मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किए 50 लाख रुपये
दान की अनोखी मिसाल
दान को विभिन्न धर्मों में एक महत्वपूर्ण गुण माना जाता है, लेकिन यह दुर्लभ है कि कोई व्यक्ति अपनी भीख से मिले धन को दान कर दे। तमिलनाडु के एक भिखारी ने इस सोच को बदलते हुए मुख्यमंत्री राहत कोष में लगभग 50 लाख रुपये का दान किया है। 72 वर्षीय पूलपांडियन ने पहले भी मई 2020 में इस कोष में 10 हजार रुपये का योगदान दिया था। उन्होंने बताया कि वह अकेले हैं और भीख के रूप में मिलने वाले पैसे की उन्हें आवश्यकता नहीं है।
पूलपांडियन ने कहा कि उनका कोई परिवार नहीं है और वह राज्य के विभिन्न जिलों में जाकर भीख मांगते हैं। पैसे इकट्ठा करने के बाद, वह संबंधित जिला कलेक्टोरेट में जाकर गरीबों की मदद के लिए दान करते हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में लगभग 50 लाख रुपये दान किए हैं।
पूलपांडियन का एक समय में बड़ा परिवार था, जिसमें उनकी पत्नी और दो बेटे शामिल थे। 1980 में वह मुंबई चले गए, जहां उन्होंने एक छोटी सी नौकरी शुरू की। लेकिन संसाधनों की कमी के कारण उनकी पत्नी का 24 साल पहले निधन हो गया। पत्नी के जाने के बाद, उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश की और उनकी शादी कर दी। हालांकि, इसके बाद उनके बेटे ने उनकी देखभाल करने से इनकार कर दिया, जिससे उन्हें भीख मांगने पर मजबूर होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि उन्हें भीख मांगनी पड़ी क्योंकि उनके बेटे उनकी देखभाल नहीं कर रहे थे। पूलपांडियन ने पैसे बचाकर स्कूलों, कोविड-19 राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करना जारी रखा। 2020 में, उनके इस नेक कार्य के लिए उन्हें स्वतंत्रता दिवस पर मदुरै जिला कलेक्टर से पुरस्कार भी मिला।