फिल्म 'We Are Family' की 15वीं वर्षगांठ: एक भावनात्मक यात्रा
फिल्म की कहानी और भावनाएँ
कुछ फिल्में देखने में अच्छी होती हैं, जबकि कुछ दिल को छू जाती हैं। बहुत कम मुख्यधारा की फिल्में होती हैं जो बाहरी सुंदरता के साथ-साथ दिल की गहराई भी रखती हैं। We Are Family दोनों ही दृष्टिकोण से आकर्षक है। कहानी में प्रवेश करते ही हमें यह एहसास होता है कि नवोदित निर्देशक के पास शहरी पुरुष-स्त्री संबंधों के बारे में अपने विचार हैं। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने पारंपरिक सहानुभूति और बड़े दिल वाले दृष्टिकोण को आधुनिक शहरी कहानियों के साथ जोड़ा है। यह मिश्रण ताजगी से भरा और भावनात्मक रूप से गहरा है। फिल्म की मूल कहानी और कई संवाद क्रिस कोलंबस की Stepmom से लिए गए हैं। क्या काजोल और करीना कपूर इस भूमिका में उतनी ही प्रभावशाली हैं जितनी कि सुसान सरंडन और जूलिया रॉबर्ट्स?
किरदारों की गहराई
क्या अगर हम कहें कि काजोल और करीना की जोड़ी इस फिल्म में विवाह की जटिलताओं को समझने में कहीं अधिक सहानुभूतिपूर्ण है? दोनों अभिनेत्रियाँ एक ऐसे घर को चित्रित करती हैं जो दो महिलाओं द्वारा चलाया जाता है। त्रिकोण की जटिलताएँ दिल को छू लेने वाली नाजुकता के साथ प्रस्तुत की गई हैं। We Are Family ने Stepmom की कहानी को एक नए स्तर पर पहुँचाया है। यह एक शहरी कहानी है जो संवेदनशीलता और कोमलता के साथ बताई गई है, जो अंत में अत्यधिक नाटकीयता से बचती है।
अभिनेताओं का प्रदर्शन
काजोल को किसी सिफारिश की आवश्यकता नहीं है। उनकी आंखों और होंठों के छोटे-छोटे इशारे हमारे दिल को छू लेते हैं। वहीं, करीना कपूर ने अपने किरदार की गहराई को बखूबी समझा है। उन्होंने इस भूमिका में एक नई पहचान बनाई है। अर्जुन रामपाल ने भी अपने अभिनय से दोनों अभिनेत्रियों के प्रदर्शन को संतुलित किया है। सिद्धार्थ मल्होत्रा ने काजोल और करीना के बीच अधिक टकराव से बचने का सही निर्णय लिया।
निर्देशक की दृष्टि
निर्देशक सिद्धार्थ पी. मल्होत्रा ने इस फिल्म के बारे में कहा, "काजोल और करीना मेरी पहली और आखिरी पसंद थीं। दोनों अभिनेत्रियाँ बेहतरीन हैं और उनके बीच कोई अहंकार नहीं था।" उन्होंने यह भी बताया कि कैसे उन्होंने फिल्म को परिवार के मूल्यों के इर्द-गिर्द बनाया। We Are Family एक ऐसी फिल्म है जो भावनाओं और दिल टूटने की कहानी को बखूबी प्रस्तुत करती है।