फरहान अख्तर की फिल्म '120 बहादुर' को मिली कोर्ट से राहत, विवादों के बीच रिलीज
फिल्म '120 बहादुर' पर विवाद
फरहान अख्तर की आगामी युद्ध-थीम वाली फिल्म "120 बहादुर" रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है। सोमवार को, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने शीर्षक परिवर्तन की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट रूप से पूछा कि जब फिल्म को पहले ही आधिकारिक मंजूरी मिल चुकी है, तो शीर्षक को लेकर इतनी संवेदनशीलता क्यों दिखाई जा रही है।
फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका खारिज
"120 बहादुर" 21 नवंबर को रिलीज होने वाली है। सम्युक्त आहिर रेजिमेंट मोर्चा और अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि फिल्म का शीर्षक और प्रस्तुति रेजांग ला की लड़ाई और शहीदों की पहचान को सही तरीके से नहीं दर्शाती।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म के ट्रेलर में मेजर शैतान सिंह को एकल नायक के रूप में दिखाया गया है, जबकि 13वीं कुमाऊं रेजिमेंट की सी कंपनी के 120 सैनिक एक साथ लड़े थे। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इससे इतिहास और सामूहिक पहचान को नुकसान पहुंचता है।
निर्माण कंपनी का तर्क
फरहान अख्तर की कंपनी, एक्सेल एंटरटेनमेंट के वकील जय के. भारद्वाज ने तर्क किया कि ट्रेलर और फिल्म का शीर्षक पिछले दो महीनों से सार्वजनिक डोमेन में है, लेकिन याचिकाकर्ता रिलीज से ठीक पहले अदालत में आए, जो न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। भारद्वाज ने यह भी बताया कि फिल्म को 7 नवंबर को CBFC से प्रमाणन और रक्षा मंत्रालय की पूर्वावलोकन समिति से मंजूरी मिल चुकी है।
आहिर समुदाय की भावनाएं
संयुक्त आहिर रेजिमेंट फ्रंट ने कहा कि फिल्म का शीर्षक "120 वीर आहिर" होना चाहिए ताकि आहिर समुदाय के योगदान को स्पष्ट रूप से पहचाना जा सके। याचिका में सभी शहीदों के नाम शामिल करने और आहिर कंपनी की भूमिका को प्रमुखता से दिखाने की मांग की गई।
हालांकि, अदालत ने इन मांगों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि फिल्म एक रचनात्मक अभिव्यक्ति है जिसे आवश्यक सरकारी अनुमतियां मिल चुकी हैं। इसलिए, अदालत के हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है।
सेना के नियमों के खिलाफ जाति और समुदाय का उल्लेख
वकील भारद्वाज ने अपने तर्क में यह भी जोर दिया कि सेना के नियमों के अनुसार, सैनिक की जाति, समुदाय या धर्म का खुलासा करना अनुचित है। इसलिए, फिल्म का शीर्षक '120 बहादुर' रखा गया है, जो सैनिकों की सामूहिक बहादुरी का प्रतिनिधित्व करता है। फिल्म की शुरुआत में एक अस्वीकरण भी है जो "बहादुर सैनिकों" को श्रद्धांजलि देता है, और पूरी फिल्म भारतीय सशस्त्र बलों की साहस और बलिदान को समर्पित है।
अदालत की सख्त स्थिति
अंत में, उच्च न्यायालय ने कहा कि जब फिल्म ने आधिकारिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं और रिलीज के करीब है, तो इस तरह की याचिका दायर करना अदालत के समय की बर्बादी है। अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया और फिल्म की रिलीज में रुकावट डालने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया।
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