प्रधानमंत्री मोदी पर चर्चा: नई किताबों का विमोचन और विचारों का आदान-प्रदान
भोपाल में आयोजित एक विशेष चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित दो नई किताबों का विमोचन किया गया। प्रो. संजय द्विवेदी ने मोदी के नेतृत्व और संघ के विचारों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने उपभोक्तावाद के प्रभावों और पत्रकारिता में विचारधारा के महत्व पर भी चर्चा की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा एक राष्ट्रीय चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जा रहा है, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग भाग ले सकते हैं।
Sep 24, 2025, 18:44 IST
सांस्कृतिक और शैक्षणिक संवाद
भोपाल। साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित दो नई किताबों, ‘मोदी युग-संसदीय लोकतंत्र का नया अध्याय’ और ‘अमृतकाल में भारत’ पर लेखक प्रो. संजय द्विवेदी के साथ एक विशेष चर्चा आयोजित की गई। इस अवसर पर अधिष्ठाता प्रो. नवीन कुमार मेहता ने लेखक के साथ संवाद किया।
भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने 2014 से पहले ही भविष्यवाणी की थी कि नरेंद्र मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि अन्ना हज़ारे के आंदोलन के बाद मोदी ने लोगों में उम्मीद जगाई और सोशल इंजीनियरिंग को प्रभावी ढंग से लागू किया। मोदी ने भारत की छवि को नया रूप दिया है और स्थायी विकास की दिशा में लोगों को आगे बढ़ाया है।
जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बारे में पूछा गया, तो प्रो. द्विवेदी ने कहा कि संघ को समझने के लिए दिल की आवश्यकता है, न कि केवल दिमाग की। उन्होंने बताया कि संघ का विचार भारतीयता और हिंदुत्व पर आधारित है। संघ का कार्य आचरण पर केंद्रित है।
प्रो. द्विवेदी ने उपभोक्तावाद और आकांक्षावाद के कारण समाज में बढ़ते दुखों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने गांधी जी के सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि कम वस्तुओं का उपयोग करने से सुख की प्राप्ति होती है। छात्रों को उन्होंने सुधीर चंद्रा की किताब ‘गांधी एक असंभव संभावना’ पढ़ने की सलाह दी।
उन्होंने पत्रकारिता में ‘पोलिटिकल लाइन’ के महत्व पर जोर दिया, लेकिन ‘पार्टी लाइन’ से दूर रहने की सलाह दी। विचारधारा का होना आवश्यक है, और आज विचारधारा की कमी एक संकट है। जब उनसे पूछा गया कि लोग कम पढ़ रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि आज का युग आवाज़, वीडियो और स्थानीय भाषाओं का है, लेकिन किताबों की बिक्री भी बढ़ रही है।
विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. वैद्यनाथ लाभ ने लेखक को उनकी किताबों के लिए बधाई दी और भगवान बुद्ध के वर्णन पर भी प्रकाश डाला। इस चर्चा में छात्रों और अधिकारियों ने भी सवाल पूछे। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव श्री विवेक पाण्डेय ने किया और मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र लोधी को भी धन्यवाद दिया।
सेवा पर्व के अवसर पर विश्वविद्यालय 29 सितंबर को एक राष्ट्रीय चित्रकारी प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता में विभिन्न आयु वर्ग के लिए पुरस्कार राशि 7000, 5000 और 3000 रुपये रखी गई है।