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प्रकृति मल्ला: नेपाल की हैंडराइटिंग क्वीन की कहानी

प्रकृति मल्ला, नेपाल की एक युवा प्रतिभा, को उनकी अद्भुत हैंडराइटिंग के लिए दुनिया भर में पहचान मिली है। मात्र 14 वर्ष की आयु में, उनका एक स्कूल असाइनमेंट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे उनकी लिखावट की तारीफें होने लगीं। नेपाल की सेना ने उन्हें 'राष्ट्रीय गौरव' का प्रतीक मानते हुए सम्मानित किया, और संयुक्त अरब अमीरात ने उन्हें विशेष अवसर पर एक हस्तलिखित बधाई पत्र लिखने का मौका दिया। जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी और उनके अद्वितीय सम्मान के बारे में।
 

प्रकृति मल्ला की अद्भुत लिखावट


हम जिस युवा प्रतिभा की चर्चा कर रहे हैं, उनका नाम प्रकृति मल्ला है। उनकी हैंडराइटिंग इतनी उत्कृष्ट है कि यह कंप्यूटर की टाइपिंग को भी मात देती है। एक बार उनकी लिखावट को देख लेने पर, आप भी इसके दीवाने हो जाएंगे।


नेपाल की प्रतिभा

प्रकृति मल्ला, जो नेपाल की निवासी हैं, को दुनिया की सबसे खूबसूरत लिखावट का खिताब प्राप्त है। उनकी लिखावट ने सभी को चकित कर दिया है, और यह इतनी बेहतरीन है कि कंप्यूटर भी इसके सामने असफल हो जाता है।


हैंडराइटिंग क्वीन का खिताब

प्रकृति को सर्वश्रेष्ठ हैंडराइटिंग वाली लड़की का खिताब मिल चुका है, जिसके कारण उन्हें हैंडराइटिंग क्वीन कहा जाता है। 2017 में, उनका एक स्कूल असाइनमेंट सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे उनकी लिखावट की तारीफें चारों ओर होने लगीं।


14 साल की उम्र में मिली पहचान

जब प्रकृति मल्ला की उम्र केवल 14 वर्ष थी, तब उन्होंने नेपाल के भक्तपुर में सैनिक आवासीय महाविद्यालय में कक्षा 8 में पढ़ाई की। उनके वायरल असाइनमेंट की लिखावट इतनी साफ और संतुलित थी कि इसे देखकर सोशल मीडिया उपयोगकर्ता दंग रह गए।


विशेष सम्मान से नवाजी गईं

नेपाल की सेना ने प्रकृति की लिखावट को 'राष्ट्रीय गौरव' का प्रतीक मानते हुए उन्हें सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त, संयुक्त अरब अमीरात ने अपने 51वें 'स्पिरिट ऑफ द यूनियन' समारोह में उन्हें एक हस्तलिखित बधाई पत्र लिखने का अवसर दिया, जिसे उन्होंने यूएई दूतावास में स्वयं सौंपा। इस अवसर पर उन्हें विशेष सम्मान भी प्राप्त हुआ।