परेश रावल का नया विवाद: 'द ताज स्टोरी' का मोशन पोस्टर बना चर्चा का विषय
परेश रावल की चर्चा का कारण
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता परेश रावल इन दिनों मीडिया की सुर्खियों में हैं। उनकी बेहतरीन अदाकारी और विवादों के चलते वह हमेशा चर्चा में रहते हैं। हाल ही में, उनकी आगामी फिल्म 'द ताज स्टोरी' के मोशन पोस्टर ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं कि इस विवाद की असल वजह क्या है और क्यों परेश रावल फिर से चर्चा का विषय बने हैं।
हेरा फेरी 3 से शुरू हुआ विवाद
कुछ महीने पहले, परेश रावल 'हेरा फेरी 3' को लेकर विवादों में आए थे। उन्होंने अक्षय कुमार के साथ मतभेदों के चलते फिल्म छोड़ने का ऐलान किया था। हालांकि, बाद में वह इस प्रोजेक्ट में वापस लौट आए। लेकिन उन्होंने बार-बार कहा कि उन्हें इस फिल्म में दिलचस्पी नहीं है। 'हेरा फेरी 3' की चर्चा अभी खत्म नहीं हुई थी कि परेश रावल एक नए विवाद में उलझ गए। उनकी नई फिल्म 'द ताज स्टोरी' ने ऐसा बवाल मचाया कि लोग चौंक गए।
'द ताज स्टोरी' का मोशन पोस्टर विवाद का कारण
29 सितंबर को, परेश रावल ने अपनी नई फिल्म 'द ताज स्टोरी' का मोशन पोस्टर सोशल मीडिया पर साझा किया। इस पोस्टर में ताज महल का गुंबद दिखाई देता है, जिसमें भगवान शिव प्रकट होते हैं। यही दृश्य विवाद का कारण बन गया। कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया। सोशल मीडिया पर लोगों ने परेश रावल और फिल्म की टीम पर निशाना साधा और इसे देश में अशांति फैलाने की कोशिश करार दिया।
सोशल मीडिया पर भड़के यूजर्स
पोस्टर के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कई यूजर्स ने परेश रावल की पुरानी फिल्म 'ओह माय गॉड' की तुलना करते हुए कहा कि उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी। एक यूजर ने लिखा, “ये क्या बकवास है?” जबकि दूसरे ने कहा, “ये लोग देश में अशांति फैलाना चाहते हैं।” एक अन्य यूजर ने तंज करते हुए लिखा, “परेश सर, आपकी इतनी इज्जत थी, लेकिन चंद पैसों के लिए ये क्या कर रहे हैं?” सोशल मीडिया पर गुस्से की लहर तेजी से फैल गई।
मेकर्स ने दी सफाई
विवाद बढ़ता देख, परेश रावल और फिल्म की टीम ने सफाई देने की कोशिश की। परेश ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “फिल्म 'द ताज स्टोरी' के निर्माता स्पष्ट करते हैं कि यह फिल्म किसी धार्मिक मुद्दे से नहीं जुड़ी है और न ही यह दावा करती है कि ताज महल में भगवान शिव का वास है। यह फिल्म पूरी तरह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है। हम दर्शकों से अपील करते हैं कि फिल्म देखने से पहले कोई राय न बनाएं। धन्यवाद।” लेकिन क्या यह सफाई लोगों का गुस्सा शांत कर पाएगी?