नोएडा में नकली पनीर रैकेट का भंडाफोड़, छह महीने से चल रहा था कारोबार
पुलिस की कार्रवाई से खुलासा
शुक्रवार रात को नोएडा के सेक्टर 63 में एक महिंद्रा पिकअप ट्रक ने स्थानीय पुलिस का ध्यान आकर्षित किया। पुलिस को सूचना मिली थी कि ट्रक में 14 क्विंटल मिलावटी पनीर है, जिसके बाद उन्होंने ट्रक को रोका। ट्रक की जांच में एक अंतरराज्यीय रैकेट का खुलासा हुआ, जो पिछले छह महीनों से दिल्ली-एनसीआर के खाद्य बाजारों में मिलावटी पनीर बेच रहा था।
आरोपियों की गिरफ्तारी
ट्रक के चालक, 32 वर्षीय गुल्फाम, जो अलीगढ़ के शाजापुर गांव का निवासी है, ने बताया कि पनीर सहाजपुर गांव में बने एक प्लांट से आ रहा था। पुलिस ने उस प्लांट पर छापा मारा और वहां तीन अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार किया: 36 वर्षीय गुड्डू उर्फ़ ऋषि, 30 वर्षीय इखलाक और 20 वर्षीय नवेद। सभी आरोपी अलीगढ़ के एक ही क्षेत्र के निवासी हैं।
मिलावटी पनीर की बिक्री
पुलिस के अनुसार, यह रैकेट पिछले छह महीनों से सक्रिय था। मिलावटी पनीर को दिल्ली और नोएडा में स्ट्रीट वेंडर्स और छोटे रेस्तरां को 180 से 220 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बेचा जा रहा था, जबकि असली पनीर की कीमत लगभग दोगुनी है।
मिलावट की प्रक्रिया
पुलिस ने बताया कि मिलावटी पनीर बनाने की प्रक्रिया बहुत व्यवस्थित थी। प्लांट में, स्टार्च युक्त कृषि बीन्स को पानी में भिगोकर उबाला जाता था। इसके बाद, दूध जैसी उपस्थिति और बनावट के लिए रासायनिक ब्लीच और पोस्टर रंग मिलाए जाते थे। फिर एक नीला रसायन मिलाया जाता था, जिससे मिश्रण को पनीर जैसी विशेषताएँ मिलती थीं।
स्वास्थ्य पर खतरा
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने गिरफ्तारियों के बाद सामग्री को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बताया। एक अधिकारी ने कहा, "पाम ऑयल और पोस्टर रंग केवल मिलावट नहीं हैं, बल्कि ये मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।" संदिग्ध पनीर के नमूने प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने बरामद सामग्री से मिलावटी पनीर तैयार किया और इसे NCR में असली पनीर के रूप में बेचा। पुलिस ने सभी विक्रेताओं और खरीदारों का पता लगाने के लिए जांच जारी रखी है।