×

नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के लिए भूमि सौदों पर प्रतिबंध

उत्तर प्रदेश औद्योगिक गलियारा विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चारों ओर बुनियादी ढांचे के विकास को तेज करने के लिए भूमि सौदों पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रस्तावित 74.3 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के माध्यम से हवाई अड्डे को गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। यह परियोजना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यात्री और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को मजबूत करने में मदद करेगी। इसके अलावा, 56 गांवों पर इसका प्रभाव पड़ेगा, जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
 

नोएडा-गंगा एक्सप्रेसवे का महत्व

उत्तर प्रदेश औद्योगिक गलियारा विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के चारों ओर बुनियादी ढांचे के विकास को तेज करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्राधिकरण ने प्रस्तावित 74.3 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे के मार्ग के साथ भूमि की बिक्री और खरीद पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। यह एक्सप्रेसवे हवाई अड्डे को गंगा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ेगा, जिससे राज्य के तीन प्रमुख परिवहन परियोजनाओं का संबंध होगा। UPEIDA के निर्देशों के अनुसार, अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि आदेश के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


गंगा एक्सप्रेसवे की जानकारी

गंगा एक्सप्रेसवे, जो 4,000 करोड़ रुपये की परियोजना है, मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा। नया लिंक एक्सप्रेसवे बुलंदशहर के स्याना क्षेत्र से शुरू होकर यमुना एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर-21 में फिल्म सिटी के निकट समाप्त होगा। यह मार्ग पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यात्री और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया

प्राधिकरण के आदेश के बाद, नोएडा और बुलंदशहर के प्रशासनिक अधिकारी अधिसूचित भूमि की पहचान करने और उसे अधिग्रहित या नियंत्रित करने के लिए सर्वेक्षण कर रहे हैं।


मार्ग परिवर्तन से प्रभावित गांव

नए योजना के तहत, एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 120 मीटर निर्धारित की गई है और यमुना सिटी के पहले से बसे क्षेत्रों को बचाने के लिए मार्ग में परिवर्तन किया गया है। अब यह एक्सप्रेसवे 56 गांवों से होकर गुजरेगा, जिनमें से 8 गांव नोएडा और 48 गांव बुलंदशहर जिले में हैं। प्रमुख गांवों में महंदिपुर बांगड़, भाईयापुर ब्रह्मणान, रबुपुरा, म्याना (नोएडा), और अमानुल्लापुर, कपना, भगवानपुर (खुर्जा तहसील) शामिल हैं। स्याना और शिकारपुर तहसील के कई पंचायतें भी इस मार्ग पर आएंगी।


औद्योगिक विकास और कनेक्टिविटी

YEIDA के अधिकारियों ने इस परियोजना को क्षेत्रीय औद्योगिक और आर्थिक विकास का मुख्य आधार बताया है। उनका कहना है कि यह एक्सप्रेसवे नोएडा हवाई अड्डे से यमुना सिटी के औद्योगिक क्षेत्रों (जैसे सेक्टर 28, 29, 32 और 33) तक माल परिवहन को सुगम बनाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे दिल्ली, आगरा, मुंबई और प्रयागराज के बीच यात्री यात्रा और कनेक्टिविटी में सुधार होगा, साथ ही लॉजिस्टिक्स नेटवर्क को भी मजबूत किया जाएगा।


भविष्य की योजनाएं

इसके साथ ही, इस एक्सप्रेसवे को NH-34 से जोड़ने की योजनाएं भी चल रही हैं, हालांकि विस्तृत योजना अभी तैयार नहीं की गई है। राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए यह प्रमुख पहल हाल के अन्य सड़क परियोजनाओं के समान है, जैसे दिल्ली-जयपुर मार्ग पर हाल ही में जोड़ा गया 66 किलोमीटर का खंड, जिसने यात्रा के समय को एक घंटे कम कर दिया और 56 गांवों को प्रभावित किया।