धर्मेंद्र की संघर्ष की कहानी: गैराज में काम से लेकर फिल्मी दुनिया तक
धर्मेंद्र का संघर्ष
धर्मेंद्र
धर्मेंद्र का संघर्ष: हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित अभिनेताओं में से एक माने जाने वाले धर्मेंद्र ने अपने करियर की शुरुआत 60 के दशक में की थी और आज भी वे फिल्म उद्योग में सक्रिय हैं। 65 वर्षों के अपने करियर में, उन्होंने कई यादगार फिल्में दी हैं। हालांकि, एक सफल अभिनेता बनने से पहले, धर्मेंद्र ने एक गैराज में काम किया था।
धर्मेंद्र का जन्म पंजाब के लुधियाना में हुआ था। बड़े होने पर, उन्होंने फिल्म उद्योग में अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई का रुख किया। लेकिन मुंबई में उनके पास रहने और खाने के लिए कोई साधन नहीं था। यहां आने के बाद, उन्होंने एक गैराज में काम किया और वहीं सोते भी थे। इसके अलावा, उन्होंने एक ड्रिलिंग कंपनी में भी काम किया।
धर्मेंद्र की कमाई
कुछ साल पहले, धर्मेंद्र एक सिंगिंग रियलिटी शो में अपने संघर्ष के दिनों को साझा करते हुए भावुक हो गए थे। उन्होंने बताया कि, "फिल्मों में आने से पहले, मैं गैराज में काम करता था। मुंबई में मेरे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। मुझे केवल 200 रुपये मिलते थे, जो मेरे लिए पर्याप्त नहीं थे।"
ओवरटाइम का सहारा
कम पैसे के कारण, धर्मेंद्र को मुंबई जैसे बड़े शहर में गुजारा करना कठिन हो गया था। उन्होंने कहा, "इसलिए मुझे अधिक पैसे कमाने के लिए ओवरटाइम करना पड़ा।" इस दौरान, अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए, वे काफी भावुक हो गए थे।
300 फिल्मों में योगदान
धर्मेंद्र ने अपने 65 साल के करियर में लगभग 300 फिल्मों में काम किया है। उनकी कुछ प्रमुख फिल्मों में 'फूल और पत्थर', 'शोले', 'सीता और गीता', 'ड्रीम गर्ल', 'धरम वीर', 'द बर्निंग ट्रेन', 'यमला पगला दीवाना', 'गुड्डी', 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी', 'अपने' और 'यमला पगला दीवाना' शामिल हैं।