धर्मेंद्र का विलेन अवतार: जब उन्होंने लूट ली महफिल
धर्मेंद्र का विलेन अवतार
धर्मेंद्र
धर्मेंद्र का विलेन अवतार: अक्षय कुमार, आमिर खान और शाहरुख खान जैसे कई प्रमुख सितारे खलनायक की भूमिकाओं में नजर आ चुके हैं। लेकिन 90 के दशक से पहले, दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने भी विलेन का किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीत लिया था। अपने करियर के प्रारंभिक दिनों में ही उन्होंने निगेटिव रोल निभाए और लीड हीरो पर भारी पड़े।
धर्मेंद्र ने 65 साल पहले हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। उनकी पहली फिल्म ‘दिल भी तेरा हम भी तेरे’ थी, जो 1960 में रिलीज हुई। हालांकि, पहचान पाने के लिए उन्हें 6 साल का इंतजार करना पड़ा। 1966 में आई फिल्म ‘फूल और पत्थर’ ने उन्हें स्टार बना दिया, जबकि इससे पहले उन्होंने विलेन का रोल भी निभाया था।
किस फिल्म में निभाया था विलेन का रोल?
धर्मेंद्र ने जिस फिल्म में निगेटिव किरदार निभाया, वह 61 साल पहले रिलीज हुई थी। इसका नाम ‘आई मिलन की बेला’ है, जो 1964 में आई थी। मोहन कुमार द्वारा निर्देशित इस फिल्म में उन्होंने रंजीत नाम के विलेन की भूमिका निभाई।
लीड हीरो पर भारी पड़े
इस फिल्म में लीड रोल में राजेंद्र कुमार थे, लेकिन धर्मेंद्र ने अपने अभिनय से उन्हें कड़ी टक्कर दी। ‘आई मिलन की बेला’ में सायरा बानो, शशिकला, नजीर हुसैन, मदन पुरी, मुमताज बेगम, सुंदर और सुलोचना लाटकर जैसे कलाकार भी शामिल थे।
1964 की दूसरी सबसे बड़ी फिल्म
धर्मेंद्र और राजेंद्र कुमार की यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इसे 70 लाख रुपये के बजट में बनाया गया था, और इसने भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 2.70 करोड़ रुपये की कमाई की। रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म का कुल कलेक्शन 14.40 करोड़ रुपये (ग्रॉस) था। इसने उस साल सभी फिल्मों में कमाई के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया, केवल राज कपूर और वैजयंती माला की फिल्म ‘संगम’ से पीछे रही।