दिल्ली यूनिवर्सिटी में सेमिनार रद्द होने पर विवाद, संयोजक ने दिया इस्तीफा
दिल्ली यूनिवर्सिटी में 'Land, Property and Democratic Rights' विषय पर होने वाला सेमिनार रद्द कर दिया गया, जिससे शिक्षकों में असंतोष फैल गया है। कुलपति और रजिस्ट्रार पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी स्पष्ट कारण के इस कार्यक्रम को रद्द किया। सेमिनार के संयोजक ने इस्तीफा दे दिया है, यह कहते हुए कि अब वे कार्यक्रम की बौद्धिक स्वतंत्रता की गारंटी नहीं दे सकते। शिक्षकों का मानना है कि यह रद्दीकरण शैक्षणिक स्वतंत्रता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
Oct 30, 2025, 09:36 IST
दिल्ली यूनिवर्सिटी में सेमिनार का विवाद
दिल्ली यूनिवर्सिटी
दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि कुलपति और रजिस्ट्रार ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के समाजशास्त्र विभाग में आयोजित होने वाले एक सेमिनार को रद्द करने का निर्देश दिया है। यह सेमिनार 'Land, Property and Democratic Rights' यानी जमीन, संपत्ति और लोकतांत्रिक अधिकारों पर केंद्रित था, जिसमें संपत्ति के अधिकारों से संबंधित न्यायिक व्याख्याओं पर चर्चा होने वाली थी।
शिक्षकों का कहना है कि सेमिनार रद्द करने का कोई स्पष्ट कारण न तो लिखित और न ही मौखिक रूप से बताया गया। कुछ शिक्षकों का मानना है कि इस विषय पर चर्चा से सरकार असहज हो सकती थी।
सेमिनार के संयोजक का इस्तीफा
सेमिनार रद्द होने के बाद, इसके संयोजक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि अब वे कार्यक्रम की बौद्धिक स्वतंत्रता और नियमितता की गारंटी नहीं दे सकते, क्योंकि ऐसे कार्यक्रम मनमाने तरीके से रद्द किए जा रहे हैं।
शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
प्रोफेसर आभा देव हबीबा ने बताया कि फ्राइडे कोलोकियम विभाग की एक पुरानी परंपरा है, जो आपातकाल के दौरान भी जारी रही थी। यह केवल एक सेमिनार नहीं, बल्कि पढ़ाई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसमें छात्रों की भागीदारी आवश्यक होती थी। उन्होंने सेमिनार के रद्द होने को दुखद बताते हुए कहा कि इससे शैक्षणिक माहौल और अकादमिक स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचा है।
फ्राइडे कोलोक्वियम दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक पुरानी शैक्षणिक परंपरा है। समाजशास्त्र विभाग द्वारा हर शुक्रवार को आयोजित किया जाने वाला यह सेमिनार केवल एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि पढ़ाई का एक हिस्सा है। इसमें शिक्षक और छात्र किसी सामाजिक या समसामयिक विषय पर अपने विचार साझा करते हैं, जिससे छात्रों को बहुत कुछ सीखने का अवसर मिलता है।