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दिल्ली में प्रदूषण का खतरनाक प्रभाव: स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आ रही है और औसत भारतीय की उम्र में कमी हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वायु प्रदूषण हर साल लाखों लोगों की जान ले रहा है। जानें इस विषय पर और क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

दिल्ली में प्रदूषण की गंभीरता

एआई जनरेटेड फोटो.

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। आज एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 400 के करीब रहा, जो अत्यंत गंभीर स्थिति को दर्शाता है। इस स्थिति में सांस लेना कठिन हो जाता है, खांसी होती है, और फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, सरकार का कहना है कि उनके पास ऐसे ठोस आंकड़े नहीं हैं जो AQI के उच्च स्तर और फेफड़ों की बीमारियों के बीच संबंध स्थापित कर सकें। इसके विपरीत, मेडिकल जर्नल ऑफ एडवांस्ड रिसर्च इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी आ रही है.

2019 में द लैंसेट और ICMR की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया था कि वायु प्रदूषण के कारण भारत में कुल मौतों का लगभग 18% हिस्सा था, जो लगभग 16.70 लाख लोगों की मौत का कारण बना। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट 2024 में यह दावा किया गया है कि हर साल वायु प्रदूषण के कारण भारत में 21 लाख लोगों की मृत्यु होती है.


प्रदूषण का उम्र पर प्रभाव

उम्र पर प्रदूषण का असर

प्रदूषण के कारण औसत भारतीय की उम्र लगभग 1.70 वर्ष कम हो रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, शिकागो यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वायु प्रदूषण औसत भारतीय की उम्र को 3.5 वर्ष कम कर रहा है। दिल्ली-NCR में रहने वालों की उम्र में 7.8 से 10 वर्ष की कमी आ रही है। इसके अलावा, प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के कारण भारत को अपनी जीडीपी का लगभग 1.36% का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा है कि उनके पास प्रदूषण और फेफड़ों की बीमारियों के संबंध में ठोस आंकड़े नहीं हैं, जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 2022 से 2024 के बीच दिल्ली के छह बड़े सरकारी अस्पतालों में सांस से जुड़ी समस्याओं के 2,04,758 मामले सामने आए हैं.


स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय

क्या कहते हैं हेल्थ एक्सपर्ट?

इन मामलों में से लगभग 35 हजार मरीजों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। मंत्रालय के अनुसार, वायु प्रदूषण इसका मुख्य कारण रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण और फेफड़ों की बीमारियों के बीच संबंध को समझने का प्रयास किया है. वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर संदीप शर्मा का कहना है कि प्रदूषण धीरे-धीरे फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है, जिससे जीवनकाल 5 से 10 वर्ष कम हो सकता है। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. नीतू जैन ने कहा कि स्वस्थ लोगों को भी प्रदूषण से समस्याएं हो रही हैं, जिससे दिल्ली में रहने वालों के फेफड़े कमजोर हो रहे हैं.

हालांकि, दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो गई है, और सांस संबंधी बीमारियों के कारण अस्पतालों में भीड़ बढ़ गई है, लेकिन सरकार प्रदूषण को कम करने के प्रयास कर रही है। हाल के दिनों में किए गए प्रयासों से थोड़ी राहत मिली है, ऐसा दावा किया जा रहा है.