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दिल्ली की आबकारी नीति का विस्तार: नई समयसीमा और नियम

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मौजूदा आबकारी नीति को अगले वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। यह नीति अब 30 जून 2025 के बजाय 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। नई नीति के मसौदे के लिए निर्देश दिए गए हैं, और एक उच्च स्तरीय समिति अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर रही है। जानें विस्तार से इस नीति के बारे में और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

दिल्ली सरकार का आबकारी नीति का विस्तार

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मौजूदा आबकारी नीति को अगले वर्ष तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। पहले यह नीति 30 जून 2025 को समाप्त होने वाली थी, लेकिन अब इसे 9 महीने और बढ़ा दिया गया है। नए आदेश के अनुसार, 1 जुलाई से 31 मार्च 2026 तक यह नीति लागू रहेगी, जिसमें केवल सरकारी शराब की दुकानों का संचालन जारी रहेगा।


दिल्ली में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने नई आबकारी नीति के लिए नए नियमों पर विचार किया था, लेकिन अब मौजूदा नीति को अगले नौ महीनों के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।


नई नीति का मसौदा तैयार करने के निर्देश


थोक लाइसेंस मौजूदा नीति की शर्तों और आनुपातिक लाइसेंस शुल्क के भुगतान के आधार पर जारी किए जाएंगे। आदेश में यह भी कहा गया है कि सभी वार्षिक रिन्यूएबल लाइसेंस की शर्तें आबकारी वर्ष 2025-26 के लिए भी लागू रहेंगी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे 30 जून तक नई आबकारी नीति का मसौदा तैयार करें।


पंजीकृत ब्रांडों के लिए वर्ष 2025-26 में लाइसेंसिंग, वर्ष 2024-25 के समान नियमों और शर्तों पर की जा सकती है, जिसमें अपेक्षित शुल्क का भुगतान और अंडरटेकिंग प्रस्तुत करना शामिल है। यह विस्तारित नीति, जिसे पुरानी आबकारी नीति के नाम से भी जाना जाता है, सितंबर 2022 में लागू हुई थी, जब तत्कालीन आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने 2021-22 की शराब नीति को कथित घोटालों और अनियमितताओं के कारण रद्द कर दिया था। दिल्ली सरकार ने अभी तक नई नीति पेश नहीं की है, जिसके चलते पुरानी नीति को विभिन्न अवधियों के लिए बढ़ाया गया है।



हाई लेवल कमेटी अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन करेगी


अधिकारियों ने बताया कि सरकार एक नई नीति विकसित करने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शराब की पारदर्शी आपूर्ति सुनिश्चित करना और साथ ही राजस्व उत्पन्न करना है। इस दिशा में, मुख्य सचिव धर्मेंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन कर रही है ताकि नई नीति का मसौदा तैयार किया जा सके। एक्साइज कमिश्नर द्वारा जारी एक नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि लाइसेंस वर्ष 2025-26 के लिए नियम और शर्तें लाइसेंस वर्ष 2022-23 के समान रहेंगी।


नोटिस में कहा गया है कि 30 जून तक सक्रिय मौजूदा लाइसेंस या रजिस्टर्ड ब्रांडों के लिए मूल्य संरचना, लेबल, स्रोत और गोदाम आदि में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि रजिस्टर्ड ब्रांडों को वर्ष 2025-26 के लिए लाइसेंसिंग वर्ष 2024-25 के समान नियमों और शर्तों पर पंजीकरण की अनुमति होगी।