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दिलीप कुमार की चौथी पुण्यतिथि पर सायरा बानो की भावुक श्रद्धांजलि

दिलीप कुमार की चौथी पुण्यतिथि पर उनकी पत्नी सायरा बानो ने एक भावुक श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें दिलीप कुमार के जीवन के विभिन्न क्षणों को दर्शाया गया है। सायरा ने दिलीप साहब की अनुपस्थिति का दर्द साझा करते हुए उनके प्रति अपने प्यार और यादों को व्यक्त किया। जानें सायरा के शब्दों में दिलीप कुमार के जीवन की अनमोल बातें और उनकी यादें।
 

दिलीप कुमार की पुण्यतिथि

आज, 7 जुलाई को, हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता दिलीप कुमार की चौथी पुण्यतिथि है। उनकी पत्नी, सायरा बानो ने इस अवसर पर अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट साझा किया है, जिसमें उन्होंने दिलीप कुमार को श्रद्धांजलि दी है। इस पोस्ट में एक लंबा नोट भी शामिल है।



खूबसूरत वीडियो साझा किया

सायरा बानो ने अपने इंस्टाग्राम पर दिलीप कुमार का एक खूबसूरत वीडियो साझा किया है, जिसमें उनके जीवन के विभिन्न क्षणों को दर्शाया गया है। इस वीडियो में अभिनेता की जवानी से लेकर बुढ़ापे तक की तस्वीरें और छोटे-छोटे वीडियो क्लिप शामिल हैं। वीडियो में ‘अकेले ही अकेले चला है’ गाना भी सुनाई दे रहा है।


दिलीप कुमार की अनुपस्थिति का दर्द

इस पोस्ट में सायरा बानो ने लिखा, ‘दिलीप साहब की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती, लेकिन मैं आज भी उनके साथ हूं। मेरे विचारों में, मेरे मन में, और मेरे जीवन में। इस जन्म में और अगले जन्म में, मेरी आत्मा ने उनकी अनुपस्थिति में भी उनके साथ चलना सीखा है। हर साल, यह दिन मुझे उनकी यादों में खो जाने पर मजबूर कर देता है। उनके प्रशंसक और परिवार कभी नहीं भूलते। उनके प्रति प्यार और यादों के संदेश हमेशा मेरे दिल को गर्माहट देते हैं।’


उन्होंने आगे कहा, ‘दिलीप साहब सिर्फ मेरी खुशी का स्रोत नहीं थे, बल्कि वे एक युग का प्रतीक थे। वे कई पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने और महान नेताओं के करीबी मित्र रहे। वे खेलों के प्रति भी बहुत उत्साही थे और अक्सर कहा करते थे कि अगर किस्मत ने साथ दिया होता, तो वे राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी होते। लेकिन किस्मत ने उन्हें एक महान अभिनेता बना दिया। उनके पीछे एक संवेदनशील और मजाकिया व्यक्ति था।’


सायरा बानो ने एक यादगार शाम का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारे घर में शास्त्रीय संगीत की धुनें गूंज रही थीं, और साहब ने आराम के लिए एक पल की तलाश में चुपचाप चले गए। बाद में, मुझे उनका एक नोट मिला जिसमें लिखा था, “नींद आ रही है, आप क्या सुझाव देती हैं?” यह छोटी सी पंक्ति उनके प्यार और शरारत को दर्शाती है। उन्होंने साधारण क्षणों को अमर बना दिया और हर मजाक और नोट के जरिए उन्होंने एक ऐसा प्यार छोड़ा जो हमेशा बना रहेगा। दिलीप साहब हमेशा के लिए हमारे दिलों में रहेंगे। अल्लाह उन्हें अपने नूर में रखें। आमीन।’